Dengue is danger: digi desk/ ग्वालियर/ इस बार डेंगू मरीजों में नई-नई परेशानी देखने को मिल रही हैं। मरीज के शरीर में खून गाढ़ा हो रहा और फेफड़ों में सूजन आ रही है। जयारोग्य अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राम रावत का कहना है डेंगू वायरस से खून गाढ़ा हो रहा है। करीब 20 फीसद मरीजों का डी-डायमर बढ़ा आ रहा है। वहीं चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा. उज्ज्वल शर्मा का कहना है 20 फीसद डेंगू मरीजों में निमोनिया भी देखा जा रहा है। उनके फेफड़े में सूजन आ रही है। इससे पहले मरीजों में प्लेटलेट्स घटने, उल्टी-दस्त, शरीर पर लाल दाने, सिर दर्द व बुखार की शिकायत देखने को मिल रही थी।
पांच दिन बाद आ रही शिकायत
चेस्ट रोग विशेषज्ञ का कहना है डेंगू का समय पांच से 10 दिन का होता है। पहले पांच दिन बुखार आता और प्लेटलेट्स घटती हैं। पांच दिन बाद प्लेटलेट्स बढ़ने लगती हैं, लेकिन कई मरीज ऐसे आ रहे हैं जिन्हें बुखार के बाद निमोनिया हो रहा है। उनकी किडनी व फेफड़े में सूजन पाई जा रही है। वहीं ह्दय रोग विशेषज्ञ का कहना है डेंगू वायरस से मरीज के बोन मैरो पर दुष्प्रभाव और प्लेटलेट्स बनने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। इससे एक लाभ तो यह होता है कि ह्दयघात की समस्या नहीं देखने को मिलती, लेकिन ह्दय की गति धीमी पड़ जाती है, जो चिंता का विषय है। वहीं प्लेटलेट्स यदि दस हजार से नीचे आती है तो यह जानलेवा हो सकती है।
डेंगू से बचें, पानी में लार्वा न पनपने दें
डेंगू से बचने का उपाय तो यही है कि घर या बाहर साफ पानी में लार्वा न पनपने दें। यदि डेंगू की चपेट में आते हैं तो बच्चे-बड़े सभी तरल पदार्थ का सेवन ज्यादा करें। डाक्टर से परामर्श लें और प्रतिदिन जांच कराएं। ठंड का मौसम आ चुका है, इसलिए निमोनिया से बचने खुले में न घूमें। शरीर में पानी का पर्याप्त आपूर्ति रखें, इससे फेफड़े में सूजन नहीं आएगी और ब्लड भी गाढ़ा नहीं होगा।
विशेषज्ञ की सलाह, सावधानी रखें
जीआर मेडिकल कालेज के प्रो. डा. अजय पाल का कहना है डेंगू मरीज को पपीते के पत्तों का रस व बकरी का कच्चा दूध पीने को दिया जाता है, यह न दें। इससे पेट संबंधी विकार उत्पन्न हो सकते हैं। पपीते के पत्ते का रस व कच्चा दूध मानव के लिए पाचक नहीं होता, इसलिए दूध उबालकर ही दें। पार्क में जाने से पहले फुल आस्तीन के कपड़े पहनें, घर में मच्छर से बचने मच्छरदानी या मच्छर मारने की अगरबत्ती का उपयोग करें।