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Health Alert: मसूढ़ों में सूजन है तो रहें सतर्क, Heart Attack आने का हो सकता है संकेत

Heart Attack Alert: digi desk/BHN/नई दिल्ली/  आजकल कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक आने की समस्या देखी जाने लगी है। अनियमित जीवन शैली के कारण कई लोगों में हाई ब्लड प्रेशर, हाई कॉलेस्ट्रोल, जेनेटिक डिसॉर्डर जैसी समस्या देखने को मिलती है। इन्ही तमाम समस्याओं के कारण आगे चलकर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन यदि थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो हार्ट अटैक आने से पहले ही इलाज संभव है और किसी बड़े खतरे से बचा जा सकता है। दरअसल हार्ट आने से पहले शरीर कुछ संकेत देना शुरू कर देता है और यदि इसे समझ लिया जाए तो हम पहले ही हार्ट अटैक आने से पहले अलर्ट हो सकते हैं।

मसूंड़ों में होने लगती है सूजना

फोरसिथ इंस्टिट्यूट और हारवर्ड यूनिवरिस्टी के वैज्ञानिकों द्वारा कंडक्ट जर्नल ऑफ पीरियोडोंटल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीरियडोंटाइटिस से जूझ रहे लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम अन्य मरीजों की तुलना में ज्यादा होता है। शोध रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मसूड़ों की सूजन और आर्टरियल इनफ्लेमेशन (धमनियों में सूजन) के बीच एक मजबूत कनेक्शन पाया है। ऐसे में यदि मसूंड़ों में सूजन होती है तो हार्ट अटैक, स्ट्रोक या दिल से जुड़ी दूसरी बीमारियों होने की आशंका बढ़ जाती है।

304 वॉलंटियर्स पर किया गया शोध

इस स्टडी की शुरुआत में 304 वॉलंटियर्स की धमनियों और मसूड़ों का टोमोग्राफी स्कैन किया गया। 4 साल बाद फिर से जब इन लोगों की स्कैनिंग की गई, देखा गया कि कि इसमें से 13 लोगों में दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। पीरियोडोंटल इन्फ्लेमेशन से ग्रसित लोगों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा पाया गया।

मुंह के लक्षणों को ना करें इग्नोर

शोधकर्ताओं का कहना है कि पीरियोडोंटल डिसीज से पहले जिन लोगों को हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो रही थीं, उनमें हार्ट डिसीज का खतरा नहीं था, लेकिन ऐसे लोग, जिनके मसूड़ों में सूजन देखी गई, केवल उन्हीं में ऐसी दिक्कत पाई गई। वैज्ञानिकों का कहना है कि पीरियोडोंटल इन्फ्लेमेशन हड्डियों के माध्यम से संकेत देने वाली कोशिकाओं को एक्टिवेट करती है, जिससे धमनियों में इन्फ्लेममेश की समस्या बढ़ जाती है।

दिल के मरीज पीरियोडोंटल डिसीज की अनदेखी न करें

शोधकर्ता ने चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति दिल से जुड़ी बीमारियों के प्रति संवेदनशील है तो उन्हें पीरियोडोंटल डिसीज की अनदेखी बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। डेंटिस्ट मसूड़ों की जांच करने के बाद संभावित खतरों के बारे में बता सकता है, लेकिन साथ ही हार्ट संबंधित जांच भी जरूर करा लेनी चाहिए।

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