Ashram 3 Shooting: digi desk/BHN/ भोपाल/ भोपाल में आश्रम-3 वेब सीरीज की शूटिंग को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि इसका नाम आश्रम ही क्यों रखा गया। जिन्होंने कल गलती की है उन पर कार्रवाई हो रही है। लेकिन प्रकाश झा पर क्या कार्रवाई की जाए? गृहमंत्री ने सीरीज का नाम बदलने की भी बात कही। शूटिंग के लिए अब स्थानीय गाइडलाइन जारी होगा। उधर भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वेब सीरीज को हम देखेंगे कोई विषय होगा तो उसको प्रतिबंधित करेंगे। वेब सीरीज को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है। कल का घटनाक्रम नहीं होना था, जो भी हुआ दुर्भाग्यजनक है। मध्य प्रदेश में फिल्म शूटिंग के लिए पर्याप्त सुरक्षा, साधन, जगह उपलब्ध कराई जा रही है। भोपाल से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि ‘आश्रम’ पर वेब सीरीज बनाने वाले क्या कभी ‘मदरसों’ पर वेब सीरीज बनाने की हिम्मत रखते हैं? ईद पर जबलपुर में पुलिस पर हमला करने वाले कौन थे, राजा साहब? शांति दूत? उस दिन आपकी ट्विटर की चिड़िया क्यों नही चहकी?
डाबर ने विज्ञापन नहीं हटाया तो होगी कार्रवाई
डाबर के विज्ञापन पर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मैं इसे बहुत गंभीर विषय मानता हूं, इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म के धार्मिक त्योहारों को लेकर ही इस तरह की क्लिपिंग और विज्ञापन क्यों जारी किए जाते हैं। करवा चौथ पर एक लड़की दूसरी लड़की को देखकर व्रत खोल रही है। कल को दोनों लड़के फेरे लेते दिखा देंगे, यह आपत्ति है। यही भोपाल में वेब सीरीज को लेकर भी आपत्ति है, जो आश्रम वेब सीरीज की शूटिंग हो रही है। हमारी भावनाओं को आहत करने वाले दृश्य फिल्माते क्यों हो। हिम्मत है तो किसी दूसरे धर्म को लेकर दृश्य क्यों नहीं फिल्माते हो। गृहमंत्री ने कहा कि अभी मैंने डीजीपी को डाबर के विज्ञापन को लेकर निर्देश दिए हैं कि विज्ञापन का परीक्षण कराएं और कंपनी को बताए कि उसे हटाएं, नहीं तो हम वैधानिक कार्रवाई करेंगे।
गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि आश्रम वाले मामले में भी हम स्थानीय गाइडलाइन जारी करने वाले हैं, आपत्तिजनक अगर सीन है और किसी धर्म की भावनाओं का आहत करने वाले सीन हैं तो पहले प्रशासन को स्टोरी दें और अनुमति लेकर ही वो फिल्मांकन करें। मध्य प्रदेश में आप शूटिंग करने आए हैं, स्वागत है। लेकिन आपत्तिजनक कोई दृश्य महसूस होता है तो जानकारी जिला अधिकारी को दें। आश्रम वेब सीरीज का नाम बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इसका पक्षधर हूं, कि आश्रम नाम ही क्यों रखा गया। किसी दूसरे का रखकर दिखाओ, समझ में आएगा फिर। ऐसा काम मत करो जिससे दिक्कत हो।