विन्ध्य के एक और सपूत ने मातृभूमि की रक्षा के लिए आतंकियों से लड़ते हुए प्राण किये न्योछावर
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ जम्मू कश्मीर के शोपियां में बुधवार की सुबह आतंकियों से लोहा लेते हुए सतना के लाल कर्णवीर सिंह ने अपने प्राण मातृभूमि की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिये। प्राण निकलने के पूर्व उन्होंने आतंकियों को धूल चटाते हुए दो आंतकियों को मार गिराया।
जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लगातार सेना का आपरेशन जारी है। बुधवार को कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एक बार फिर जोरदार मुठभेड़ हुई। इस दौरान जवानों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। हालांकि, इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो जवान जख्मी हो गए और विंध्य के सपूत सतना के रहने वाले कर्णवीर सिंह राजपूत ने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। सपूत के शहीद होने की जानकारी जैसे ही उनके परिजनों को लगी समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए कर्णवीर सिंह राजपूत के परिजन कोलगंवा थानान्तर्गत उतैली में रहते हैं। विंध्य के लाल के शहीद होने की खबरें जैसे-जैसे फैलीं वैसे-वैसे उनके सतना स्थित निवास पर लोगों का तांता लग गया। लोगों ने सपूत की वीरता को शत-शत नमन करते हुए परिजनों को सांत्वना दी।
मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहीद कर्णवीर सिंह राजपूत की जांबाजी को सलाम करते हुए ट्वीटर के माध्यम से उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर जवान श्री कर्णवीर सिंह राजपूत जी चले गये, लेकिन हमारी स्मृतियों में हमेशा अमर रहेंगे। हम उनको वापस नहीं ला सकते हैं, लेकिन उनका परिवार अकेला नहीं है। उनके परिवार के साथ सम्पूर्ण देश और मध्यप्रदेश खड़ा है।
21 राजपूत रेजीमेंट 44 के जवान थे कर्णवीर
देश के लिए शहीद हुए वीर जवान कर्णवीर सिंह 21 राजपूत रेजीमेंट 44 आर.आर के जवान थे और उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर को शोपियां सेक्टर में थी। उनका परिवार सतना शहर के उतैली में निवास कर रहा है। सपूत के शहीद होने का समाचार जैसे सतना पहुंचा घर में मातम पसर गया। बलिदानी कर्णवीर सिंह के पिता रवि सिंह भी सेना में सूबेदार मेजर रह चुके हैं और सेना से सेवानिवृत्त हैं। उनकी माताजी मिथलेश सिंह को जैसे ही अपने लाल के बलिदानी होने की जानकारी लगी तो उनके आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
रामपुर बघेलान के दलदल गांव में पैतृक घर
शहीद कर्णवीर सिंह का पैतृक घर जिले के ही रामपुर बाघेलान के दलदल गांव में है।
बीते 15 दिन में 10 मुठभेड़, 15 आतंकी मारे गये
उल्लेखनीय है कि पिछले 15 दिन में जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ 10 मुठभेड़ हुई हैं। इन एनकाउंटर्स में अब तक 15 आतंकी मारे गए हैं। उधर पुंछ के जंगलों में भी सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया है। यहां पिछले 10 दिन से एनकाउंटर जारी है। इसी एनकाउंटर के दौरान बुधवार सुबह सतना के लाल कर्णवीर सिंह शहीद हुए।
सतना स्थित घर पहुंचे प्रशासन के लोग
मध्यप्रदेश के युवा सैनिक कर्णवीर सिंह के बलिदानी होने की सूचना मिलने पर प्रशासनिक अमला बुधवार देर शाम उतैली स्थित उनके निवास पहुंचा। सीएसपी महेंद्र सिंह चौहान खुद उनके घर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। इसके साथ ही शहीद के अंतिम संस्कार संबंधी तैयारियों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों से चर्चा करते हुए तैयारियां शुरू कर दी है।
श्रीनगर से गुरूवार शहीद का शव पहले प्रयागराज स्थित सेना के हेडक्वार्टर लाया जायेगा इसके बाद सतना
अब तक मिली जानकारी के अनुसार कर्णवीर सिंह का पार्थिव शरीर श्रीनगर से गुरुवार को पहले इलाहाबाद हेडक्वार्टर जाएगा। इसके बाद वहां से सेना के अधिकारियों द्वारा श्रद्धांजलि के पश्चात सतना लाया जायेगा जहां सेना और पुलिस द्वारा सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि रामपुर बघेलान के युवाओं का जज्बा अपनी देश की माटी के प्रति इस कदर है कि आसपास के कई गांवो के अधिकतर युवा भारतीय सेना में रह कर देश की सेवा कर रहे हैं।