पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने किया पूरे मामले का खुलासा
60 लाख रुपये के लेन-देन की जानकारी भी मिली
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेले जा रहे आइपीएल मैच पर जिले में लाखों का सट्टा लगाया जा रहा था। यह सूचना जैसे ही पुलिस को लगी तो उन्होंने धावा बोला और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से 45 लाख का सामान जब्त किया गया है जिसमें मोबाइल, लैपटाप, नकदी, चार पहिया वाहन शामिल हैं। इसके साथ ही 60 लाख रुपये के लेन-देन की जानकारी भी पुलिस को प्राप्त हुई है। पूरे मामले का खुलासा पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को किया।
ऐसे मारा छापा
घटना की जानकारी अनुसार शुक्रवार को थाना प्रभारी कोतवाली को शहर भ्रमण के दौरान मुखबिर से सूचना मिली की मुख्तियारगंज झंकार टाकीज के पास मैदान में कुछ व्यक्ति कार में बैठकर आइपीएल क्रिकेट के फाइनल मैच में रुपयों पर हार-जीत की बाजी लगाकर सट्टा खेल रहे हैं। जिसकी सूचना पर हमराह स्टाफ को साथ लेकर मौके पर घेराबंदी कर दबिश की कार्रवाई की गई। वहां पांच व्यक्ति तीन कार में मोबाइल एवं लैपटाप से आनलाइन सर्वर के माध्यम से आइपीएल फाइनल मैच चेन्नई सुपर किंग्स बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाड़ियों के द्वारा की जा रही बैटिंग पर रन तथा खिलाड़ियों के बाल फेंकने व चौका छक्का लगाने पर रुपये, पैसों में हार जीत का दाव लगाकर सट्टा खिलाते पाए गए।
पूछताछ में जुटी पुलिस, आसपास के जिलों के बुकी भी शामिल
पुलिस द्वारा आरोपियों से बारीकी से पूछताछ कर और जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है एवं आरोपियों के रिकार्ड अन्य जिलों के थानों से खगाले जा रहे हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया की एसआरबीएच टावर के बगल में भरहुत नगर सतना में किराए से मकान लेकर रहते थे। गिरफ्तार आरोपियों में हिमांशु जैन पिता विनय कुमार जैन 35 वर्ष निवासी देवेन्द्र नगर सलेहा रोड वार्ड क्रमांक 12 थाना देवेन्द्र नगर जिला पन्ना, कामेश गुप्ता 26 वर्ष निवासी इंद्रपुरी कालोनी थाना कोतवाली जिला पन्ना, रोहित शर्मा 34 वर्ष निवासी सरस्वती स्कूल के पीछे सिचाई कालोनी थाना सिविल लाइन जिला छतरपुर और सुरेन्द्र सिंह 35 वर्ष निवासी सनसिटी गेट थाना सिविल लाइन जिला छतरपुर शामिल हैं।
सट्टा खेलने का यह था तरीका, कोडिंग व् सोफ्टवेयर का प्रयोग
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि पूरे गेम में सबसे पहले एक कोडिंग (साफ्टवेयर) खरीदी जाती है। जिसे एक व्यक्ति सर्विस प्रोवाइडर बनकर एडमिन को सर्विस देता है जिसे उसका मासिक किराया (1.5 लाख मासिक) मिलता है। एडमिन अपने नीचे कई सुपर मास्टर बनाता है और सुपर मास्टर अपने नीचे कई मास्टर बनाता है। मास्टर (एजेंट) अपने नीचे कई क्लाइंट जोड़ता है, जिसके लिए मास्टर द्वारा क्लाइंट को एक यूजर नेम और पासवर्ड दिया जाता है। जो मैच के दौरान सट्टा लगाता है और उस पैसे की हार जीत का शेयर नीचे से ऊपर तक सबमें डिवाइड होता है।
गिरोह को दबोचने में इनकी अहम भूमिका
हाइटेक आइपीएल सट्टा पकड़ने में पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार जैन, नगर पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह चौहान, थाना प्रभारी सिटी कोतवाली एसएम उपाध्याय, उनि केदारनाथ मिश्रा, रामसुरेश अहिरवार, प्रआर दिलीप सिंह, सोनम गुप्ता, अवतार सिंह, आरक्षक जयप्रकाश साहू, दिनेश परस्ते, आकाश द्विवेदी, सुरेश मिश्रा, रामबगस नेताम, राहुल सिंह, शंकरदयाल त्रिपाठी, आर अंकिता सिंह, शिशुलता पटेल, साइबर सेल प्रभारी उनि अजीत सिंह, सउनि दीपेश पटेल, प्रआर विपेन्द्र मिश्रा, आरक्षक संदीप परिहार, आरक्षक पूर्णेश पाण्डेय (डीएसबी) एवं अन्य पुलिसकर्मियों का सराहनीय योगदान रहा।