Eid-e-Milad 2020:newdelhi/ पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम का यौमे विलादत (जन्म दिवस) जश्ने ईद मिलादुन्नबी (Eid-e-Milad 2020) 30 अक्टूबर बरोज जुमा (शुक्रवार) को अकीदत सादगी और एतराम के साथ मनाया जाएगा। इसमें मुस्लिम भाई अपने-अपने मकानों में लाइटिंग सजावट रोशनी एवं मिलाद शरीफ का आयोजन करेंगे। इस साल ईद-ए-मिलाद या ईद मिलाद-उन-नबी भारत में 29 अक्टूबर को शुरू होगा और 30 अक्टूबर की शाम को संपन्न होगा। वहीं सऊदी अरब में 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी और बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और उपमहाद्वीप के अन्य हिस्सों सहित देश 30 अक्टूबर को दिन मनाएंगे।
जानकारों का कहना है कि वैसे तो हर वर्ष पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्म दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है चूंकि इस बार दुनिया भर में पैर पसार चुकी जानलेवा बीमारी कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए चंद रसूमात अदा कर सादगी अकीदत व एहतराम के साथ यह दिवस मनाया जाएगा।
मोहम्मद साहब केबल मुसलमानों के ही नबी नही थे बल्कि पूरी दुनिया के लोगों के नबी बनके आये थे यह एक बहुमूल्य सत्य है कि हर आने वाले रसूल और नबी के द्वारा उनके धर्म ग्रंथों में एक अन्तिम नबी की भविष्यवाणी की गई है। यह भी इस्लाम धर्म की सत्यता का प्रमाण है कि प्राचीन ग्रंथों में अत्यंत फेरबदल के बावजूद भी उस मालिक ने अन्तिम रसूल के आने की खबर को बदलने न दिया ताकि कोई यह न कह सके कि हमें खबर न थी।
हजरत मोहम्मद साहब ने इंसानियत को रोशनी दी तथा अपने नूर से पूरी दुनिया को मुनव्वर कर दिया। खुदा ने कुरान ए पाक में फरमाया कि हमने मोहम्मद को दुनिया के लिए रहमत बनकर भेजा। जिस समय हजरत मोहम्मद साहब तशरीफ लाए उस समय दुनिया जिहालत के अंधेरे में गुम थी। आपने भटकी हुई इंसानियत को रोशनी दी तथा आप मीनारा ए नूर बनकर आए।
कुरान ए पाक में अल्लाह फरमाता है कि हमने मोहम्मद को दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा। मोहम्मद साहब ने पूरी दुनिया को अमन का पैगाम दिया, उन्होंने अपने अखलाक का ऐसा नमूना पेश किया कि आप पर आपके दुश्मन भी ईमान ले आए। हमें मोहम्मद साहब की जिदंगी से यह तालीम मिलती है कि लोगों के साथ भलाई करें। सभी एक अल्लाह के बंदे है, सभी के साथ समानता का व्यवहार करें। मोहम्मद साहब ने सभी मजहबों के मानने वालों के साथ बेहतरीन सुलूक किया है, उसी का नतीजा है, कि आज दुनिया में इस्लाम का बोल बाला है, मगर कुछ लोग मुसलमान होने का दावा कर दहशतगर्दी फैला रहे है, यह इस्लाम के नाम को बदनाम कर रहें है, इस्लाम का इन सब से कोई वास्ता नहीं है।