NIA will investigate heroin smuggling case large consignment caught from Adani mundra port:digi desk/BHN/नई दिल्ली/ गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से लगभग तीन हजार किलो हेराइन की बरामदगी के मामले की जांच अब एनआइए करेगी। गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद एनआइए ने एफआइआर दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। एनआइए की एफआइआर में एनडीपीएस एक्ट के साथ-साथ गैर कानूनी गतिविधि कानून के आतंकवाद से जुड़ी धाराओं को भी शामिल किया गया है। इसके पहले इस मामले की जांच डीआरआइ कर रहा था।
गृह मंत्रालय एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुंद्रा पोर्ट पर इतनी बड़ी मात्रा में पकड़ी गई हेरोइन सिर्फ ड्रग तस्करी से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि इसके भारत में आतंकी गतिविधियों के साथ-साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय भारत विरोधी आतंकी संगठनों की फंडिंग के लिए इस्तेमाल किये जाने की आशंका है। डीआरआइ सिर्फ ड्रग तस्करी के आयाम से इस मामले की जांच कर रहा था। लेकिन आतंकी फंडिंग की आशंका को देखते हुए इसकी जांच एनआइए से कराने का फैसला किया गया। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग तस्करी के पीछे पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आइएसआइ और अफगानिस्तान पर काबिज करने वाले तालिबान का हाथ होने की आशंका जताई गई थी।
सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग 21 हजार करोड़ रुपये की हेरोइन अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट के मार्फत दो कंटेनर में भेजी गई थी। हेरोइन को अपरिष्कृत टेलकम पाउडर के पत्थर के रूप में भेजा गया था। डीआरआइ ने जांच के दौरान आयात करने वाली कंपनी के निदेशकों के साथ-साथ कुछ अफगानी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया था। लेकिन इसके पीछे बड़े आतंकी फंडिंग रैकेट का खुलासा करने में वह सफल नहीं हो पा रहा था।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुंद्रा पोर्ट से जब्त 3,000 किलो हेरोइन की बरामदगी के पहले भी बड़ी मात्रा में हेरोइन की तस्करी होने के संकेत मिले हैं। आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा के पते पर पंजीकृत जिस आशी ट्रे¨डग कंपनी के नाम से टेलकम पाउडर की आड़ में हेरोइन भेजी गई, उस कंपनी के नाम पर जून में भी 25 हजार किलो टेलकम पाउडर आयात किया था। माना जा रहा है कि जून में आया टेलकम पाउडर भी हेरोइन ही था, जिसकी कीमत 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक है।