Health Alert:कोरोना महामारी के खिलाफ दुनियाभर में जंग जारी है। अभी भी खतरा कम नहीं हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक वैक्सीन इजात नहीं हो जाती, तब तक सावधानी ही इलाज है। इस बीच, दुनियाभर में कोरोना महामारी पर अध्ययन जारी है। ताजा रिपोर्ट बच्चों में कोरोना वायरस को लेकर आया है। कोविड-19 की चपेट में आने वाले बच्चों को लेकर नई स्टडी की गई है। इसमें कोरोना संक्रमित 800 से ज्यादा बच्चों के स्वास्थ्य का अध्ययन किया गया है। बिना लक्षण वाले बच्चों में इस घातक वायरस का निम्न स्तर पाया गया है। जबकि उन बच्चों में कोरोना का स्तर ज्यादा पाया गया, जिनमें संक्रमण के लक्षण उभरे पाए गए हैं।क्लीनिकल माइक्रोबायोलाजी मैग्जीन में प्रकाशित इस स्टडी में ये बातें कही गई हैं। हालांकि इस नतीजे का कारण स्पष्ट नहीं है। साथ ही यह बात भी पूरी तरह साफ नहीं है कि कोरोना वायरस का कितना निम्न स्तर संक्रमण के खतरे पर असर डाल सकता है।
बरतें ये सावधानियां
अमेरिका के एन एंड रॉबर्ट एच लुरी चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल में बाल चिकित्सा संक्रामक बीमारियों की विशेषज्ञ लैरी कोसिओलेक के अनुसार, बच्चों को मास्क पहनने के साथ ही शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते रहना चाहिए। उन्हें अपने हाथों को भी निरंतर धोना चाहिए।
बकौल लैरी, हमने कई उम्र के बच्चों का टेस्ट किया है। इनमें बिना लक्षण वाले पीड़ितों से लेकर उन बच्चों का भी विश्लेषण किया गया, जिनमें वायरस का स्तर उच्च था। अध्ययन में पता चला है कि 17 साल तक के कोरोना पीड़ित बच्चों पर यह अध्ययन किया गया। पीड़ितों में 339 बिना लक्षण वाले और 478 लक्षण वाले बच्चे थे। अमेरिका के बोस्टन चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल की शोधकर्ता नीरा पोलाक कहते हैं हमें लगता है कि बिना लक्षण वाले बच्चों में वायरस के स्तर को बेहतर तरीके से समझने के लिए और अध्ययन किए जाने की जरूरत है। इस संबंध में अन्य देशों के भी अध्ययन बुलवाए गए हैं।