Geomagnetic Storm: digi desk/BHN/ आज भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है। जो सैटेलाइट, रेडियो और बिजली के ग्रिड को प्रभावित करेगा। अमेरिकी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की इकाई स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने कहा कि सूर्य के प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र में निष्कासन के बाद धरती के मैग्नेटोस्फीयर में गड़बड़ी होने की आशंका है।
क्या है जियोमैग्रेटिक स्टॉर्म
यह एक भू-चुंबकीय सौर तूफान अंतरिक्ष मौसम घटना है। जिसमें सूरज से अत्यधिक चुंबकीय कण बाहर निकलते हैं। जिससे कोरोनल मास इजेक्शन होता है। भू-चुंबकीय तूफानों का मूल्यांकन 1-5 पैमाने पर किया जाता है। जिसमें एक सबसे कमजोर और पांच में नुकसान की सबसे अधिक संभावना होती है।
जियोमैग्रेटिक स्टॉर्म के पृथ्वी से टकराने पर क्या होगा?
पृथ्वी का वायुमंडल कणों से जीवों की रक्षा करता है। लेकिन कण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के सतह पर मजबूत विद्युत क्षेत्रों को प्रेरित कर सकते हैं। जो अंतरिक्ष-जनित और जमीन-आधारित तकनीकी प्रणालियों के प्रदर्शन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। सौर घटनाएं आकाश को आश्चर्यजनक रूप से रोशन कर सकती है, लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल ग्रिड और उपग्रह और रेडियो संचार को काफी नुकसान होता है।
ये सौर तूफान पृथ्वी को कई घंटों से लेकर कई दिनों तक प्रभावित कर सकते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, 1-2 सितंबर 1859 में, एक भू-चुंबकीय ने विद्युत और संचार लाइनों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था। दुनिया भर में टेलीग्राफ सिस्टम फेल हो गए और कुछ ऑपरेटरों ने बिजली के झटके लगने की भी सूचना दी थी।