Indore/ इंदौर के एमवायएच में दो दिन पहले 5 दिन के जुड़वा बच्चों को जटिल ऑपरेशन कर अलग किया गया। एमवायएच में पिछले 25 साल में इस तरह का यह चौथा केस है। इनमे से तीन ऑपरेशन अबतक सफल रहे है। अधीक्षक डॉ पीएस ठाकुर ने बताया कि विश्व मे 10 से 20 लाख जन्म लेने वाले बच्चों में से किसी एक नवजात में इस तरह का मामला सामने आता है। झाबुआ जिले के मेघनगर में रहने वाली मोनिका पति अलबुश ने इस बालक को घर पर ही जन्म दिया था। झाबुआ के जिला अस्पताल से ये बालक रेफर होकर इंदौर एमवायएच में 12 अक्टूबर को आया था। सर्जरी के बाद बालक स्वस्थ है।
एमवायएच के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि एक स्वस्थ बालक के साथ उसका दूसरा अर्धविकसित बालक स्वस्थ बालक के पेट और छाती से जुड़ा था। इसके दो पैर, दो हाथ और कमर, जननांग, किडनी और पेशाब का रास्ता विकसित था। सिर्फ सिर और फेफड़े और दिल नहीं था।
दोनों बच्चों की खून नसे और आतें कॉमन थी। स्वस्थ बच्चे के लिए ऑपरेशन से पूर्व 100 फीसदी खतरा था लेकिन एमवायएच के डॉक्टरों की टीम ने ढाई घण्टे के ऑपरेशन में इसे सफलता पूर्वक अंजाम दिया। इससे पूर्व 1998 में एमवायएच के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की टीम ऐसे ही एक जटिल ऑपरेशन को कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करवाया है। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की टीम डॉ ब्रजेश लाहोटी के साथ डॉ शशिशंकर शर्मा, डॉ अशोक लड्ढा और एनेस्थीसिया के डॉ के के अरोरा थे।