Student Scholarship:भोपाल/ सत्र 2020-21 में अब चार माह बाकी है। अब तक शासन की ओर से पहली से बारहवीं कक्षा तक में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा के विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की 200 करोड़ रुपये की राशि अब तक नहीं मिली। प्रदेश के पहली से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए शासन की ओर से 28 स्कीम चलाई जाती है। इसमें पात्र 80 लाख विद्यार्थियों में से 58 लाख को छात्रवृत्ति मिली है, लेकिन एक साल बाद भी 22 लाख बच्चों को अब तक छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिली है।
हर साल करीब विभिन्न प्रकार की योजनाओं पर शासन को 700 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। पिछले साल 700 करोड़ रुपये में से 523 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से 28 स्कीम छात्रवृत्ति के लिए चलाई जाती है। वहीं 2020-21 की छात्रवृत्ति की राशि के लिए अब तक विभाग ने पात्र विद्यार्थियों की सूची तैयार भी नहीं की है। ऐसे में इस साल भी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति पाने के लिए निराश होना पड़ेगा। ज्ञात हो कि विभिन्न योजनाओं के लिए विद्यार्थियों को 50 से लेकर 500 रुपये तक की छात्रवृत्ति की राशि दी जाती है।
पहली से आठवीं तक की छात्रवृत्ति बंद हो सकती है
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शासन पहली से आठवीं कक्षा तक के करीब 75 लाख बच्चों की छात्रवृत्ति की कुछ योजनाओं को शासन इस साल से बंद करने जा रही है। इसके पीछे शासन का तर्क है कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 आने के बाद से पहली से आठवीं के विद्यार्थियों से शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके अलावा गणवेश, किताबें, साइकिल, किताबें सबकुछ नि:शुल्क दी जा रही है तो फिर छात्रवृत्ति देने का कोई फायदा नहीं है।
छात्रवृत्ति की योजनाएं
- – नि:शक्तजन छात्रवृत्ति योजना – 500 रुपये
- – राज्य छात्रवृत्ति विमुक्त एवं घुमक्कड़ जनजाति वर्ग- 150 रुपये
- – राज्य शासन अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति- 250 रुपये
- – सफाई एवं जोखिम पूर्ण कार्य छात्रवृत्ति – 3,000 रुपये
- – राज्य शासन अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति – 150 रुपये
- – पितृहीन कन्याओं को छात्रवृत्ति –
- – परिवहन भत्ता
- – मार्गरक्षण भत्ता
- – सुदामा प्री-मैट्रिक योजना