Ganesha chaturthi 2021: digi desk/BHN/ श्री गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है, जो की इस बार 10 सितंबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है। स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ पंडित गणेश शर्मा ने बताया कि स्वाति नक्षत्र मध्यान्ह कालीन बेला में श्री गणेश जी का जन्म हुआ था, इस बार 9 तारीख की रात्रि 12:बजकर 17 मिनट से लेकर 10 तारीख की रात्रि 9 बजकर 55 मिनिट तक चतुर्थी तिथि रहेगी।
विशेष योग:- चित्रा नक्षत्र ब्रह्मयोग, अनफायोग, का एक अद्भुत समागम गणेश चतुर्थी के दिन बन रहा है। जिसका – विद्या, बुद्धि, व्यापार, पर एक अच्छा असर पड़ेगा।
श्री गणेश चतुर्थी तिथि से लेकर अनंत चतुर्दशी तिथि तक ये गणेश उत्सव कहलाता है। इन दस दिनों में भगवान गणेश विघ्नों का हरण कर मंगल कार्यो को करते है। डा शर्मा ने बताया कि भगवान गणेश जी का जन्म उत्सव 10 सितंबर से प्रारंभ होकर 19 सितम्बर अनंतचतुर्दशी तक चलता है। इन दिनों में गणेश जी का पूजन, अथर्वशीर्ष का पाठ, सिध्दि विनायक मंत्र जाप तदुपरान्त होम आहुति पूर्णाहुति आदि करके विधिवत तरीके से विसर्जन करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
सुबह 5 बजकर 54 मिनिट से सुबह 8:30 मिनिट तक।
सुबह 11 बजकर 03 मिनिट से मध्यान्ह 1:33 मिनिट तक।
श्री गणेश चतुर्थी पूजा विधि
-गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है।
सर्व प्रथम पूज्य गणेश जी की प्रतिमा गोबर या मिट्टी की होनी चाहिए।
निर्मित कि हुई श्री गणेश प्रतिमा पूर्व या उत्तर की और मुख कर के रखनी चाहिए।
इसके बाद प्राणप्रतिष्ठा करके षोडष उपचार अथवा पंच उपचार से पूजन करना चाहिए।
विशेष कामना के लिए श्री गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करके दुरवार्चन करे।
रुद्राक्ष की माला या हल्दी की माला से ॐ गं गणपतये नमःमन्त्र का 108 बार जाप करना चाहिए।