National commission for protection of child rights: digi desk/BHN/दमोह/ दमोह के तेंदूखेड़ा ब्लाक के एक गांव में बच्चियों को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर कलेक्टर को नोटिस जारी किया है। प्रकरण में बच्चियों की उम्र का प्रमाण पत्र व प्रकरण की विस्तृत जांच रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा है। बारिश न होने पर टोटके करने के मामले तो सामने आते रहे हैं, लेकिन दमोह के तेंदूखेड़ा ब्लाक के एक गांव में बच्चियों से टोटके के नाम पर ग्रामीणों ने अंधविश्वास को बढ़ावा देते हुए अमानवीयता की हद पार कर दी। यहां बारिश न होने पर रविवार सुबह गांव की महिलाएं एकत्रित हुईं और तीन से चार साल की बच्चियों को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया। उसके बाद गांव के माता मंदिर पहुंचकर वहां विराजमान खेर माता को गोबर से ढंक दिया और अनाज कू टने वाले मूसल को उल्टा टिका दिया। यह पूरी प्रक्रिया बच्चियों से कराई गई। इसके बाद गांव की महिलाओं ने खेर माता मंदिर में भजन कीर्तन शुरू किया, जो लगातार जारी है।
यह तो अंधविश्वास है। इस तरह नाबालिग बच्चियों को निर्वस्त्र कर नहीं घुमाया जा सकता। मैं इस मामले की जानकारी लेता हूं।
– डीआर तेनिवार, पुलिस अधीक्षक दमोह
घटना रविवार की है। इसकी जांच महिला बाल विकास विभाग ने कर ली है। जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा जाएगा। वहां से निर्देश मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
– अंजलि द्विवेदी एसडीएम तेंदूखेड़ा, दमोह