Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat: digi desk/BHN/ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन हो रहा है। हजारों की संख्या में किसान पहुंच चुके हैं। बड़ी तादाद में महिलाएं भी पहुंची हैं। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार को तीनों काले कृषि कानून वापस लेना चाहिए। इस बीच, भाजपा नेता वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि ये हमारे लोग हैं। इनके साथ सम्मान से फिर से बातचीत शुरू करना चाहिए। वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर कहा है कि किसान शक्ति के आगे केंद्र सरकार का अहंकार नहीं चलेगा।
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा है कि यह महापंचायत ऐतिहासिक होगी। महापंचायत में शामिल होने के लिए आने वाले किसानों के स्वागत में 600 लंगर की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही 20 से 25 मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं। किसान पिछले 9 महीनों से दिल्ली की सीमा पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
भाजपा नहीं मोदी सरकार पर साधा निशाना
टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं बल्कि मोदी सरकार कहा जाए तो बेहतर होगा। इस सरकार ने जो तीन तीन कृषि कानून बनाए हैं वो किसानों के हित में नहीं है। यह कानून पूरी तरह से देश को विदेशी हाथों में सौंप देंगे।
जुटेंगे हजारों किसान
मुजफ्फरनगर के जीआइसी मैदान में आज किसान महासभा का आयोजन हो रहा है। इस किसान महापंचायत में देश के हजारों किसान शामिल होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आयोजित किसान महापंचायत पर केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और विपक्षी दलों की भी नजर रहेगी। इस महापंचायत में आने वाले किसानों के स्वागत के लिए यूपी गेट से मुजफ्फरनगर तक रास्ते में खाने और जलपान के करीब 600 भण्डारे लंगर की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा चिकित्सा सुविधा के लिए 20-25 मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं। महापंचायत के दौरान कोई भी राजनीतिक दल का नेता सभा को संबोधित न करे इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसान शामिल
इस किसान महासभा में देश भर से किसान शामिल हो रहे हैं। सभी तरह के किसान संगठन इस महासभा में जुटेंगे। हालांकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसान संगठनों पर सभी की नजर रहेगी और इन्हीं राज्यों के किसान संगठन प्रमुख रूप से महासभा में शामिल होंगे। महापंचायत में पंजाब व हरियाणा के किसान संगठनों के नेता हजारों किसानों के साथ शामिल होंगे।