Operation London Bridge:digi desk/BHN/ ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं, लेकिन प्रशासन उनके निधन के बाद की औपचारिकताओं के लिए योजना बना चुका है। यह योजना लीक भी हो चुकी है, जिसके बाद ब्रिटेन प्रशासन की भारी फजीहत हो रही है। अब किसी अधिकारी को समझ नहीं आ रहा है कि किस तरह से माफी मांगी जाए या इस मामले पर खेद प्रकट किया जाए। ब्रिटेन के प्रशासन ने रानी एलिजाबेथ के अंत्येष्टि के प्लान को ऑपरेशन लंदन ब्रिज नाम दिया था।
क्या था प्लान
ऑपरेशन लंदन ब्रिज के अनुसार महारानी के निधन के दस दिन बाद उन्हें दफनाया जाएगा। इस बीच उनके पुत्र और उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स ब्रिटिश साम्राज्य के चार देशों (इंग्लैंड, नार्दर्न आयरलैंड, स्काटलैंड और वेल्स) का दौरा करेंगे। तीन दिन तक महारानी का पार्थिव शरीर लंदन में ब्रिटिश संसद के अंदर रखा जाएगा। यहां देश-विदेश के प्रमुख लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। देश के नागरिकों भी यहां आकर महारानी के अंतिम दर्शन कर सकेंगे। एलिजाबेथ द्वितीय सबसे लंबे समय तक ब्रिटिश साम्राज्य का नेतृत्व करने वाली महारानी हैं।
घोषित होगा राष्ट्रीय शोक और सार्वजनिक अवकाश
महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद ब्रिटिश साम्राज्य से लाखों लोग संवेदना व्यक्त करने और अंतिम यात्रा में भाग लेने के लिए लंदन आ सकते हैं, इनमें कई हजार प्रमुख लोग भी शामिल होंगे। इसके साथ ही लंदन के सेंट पाल गिरजाघर में महारानी के लिए बेहद खास प्राथना की जाएगी। महारानी के निधन के दिन राष्ट्रीय शोक घोषित होगा और उस दिन सार्वजनिक अवकाश भी रहेगा। इन सभी कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त की योजना है, ताकि दुख भरे समय में किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। लंदन में खाने-पीने के सामान की कमी न हो, इसके लिए अलग से योजना बनाई गई है।
अमेरिकी पत्रिका में छपा पूरा प्लान
अमेरिका की पत्रिका पोलिटिको ने ब्रिटेन सरकार का यह प्लान छापा है। हालांकि महारानी के आधिकारिक आवास बकिंघम पैलेस ने इस तरह की किसी योजना से इनकार किया है। पोलिटिको में छपे प्लान के अनुसार महारानी के निधन वाले दिन को ‘डी डे’ कहा जाएगा और अंतिम संस्कार की तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों को आपरेशन लंदन ब्रिज कहा जाएगा।