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Afgan Crisis: तालिबान की नई सरकार का गठन, विरोधियों को  बनाया मंत्री, अब पंजशीर पर नज़र 

Afgan Crisis: digi desk/BHN/अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा आज पूरी दुनिया में सुर्खियां बना हुआ है। ये आंतकी संगठन यहां पर अब अपनी जड़ें मजबूत करना चाहता है, इसके तहत नई सरकार के गठन के लिए तालिबान ने तैयारियां शुरू कर दी है। दूसरी प्रेस काॅन्फेंस में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने आगे का प्लान बताते हुए सरकार गठन पर चर्चा की। कुछ सरकारी दफ्तरों में काम शुरू हो गया है और कुछ अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। आज से यहां पर बैंक भी खोल दिए जाएंगे।

तालिबान ने किया सरकार का गठन

तालिबान ने आगे की कार्रवाई करते हुए अंतरिम सरकार का गठन किया है। इसके अंतर्गत गुल आगा को वित्तमंत्री के रूप में पदस्त किया गया है। यह वही व्यक्ति हैं, जो कभी तालिबान के कट्टर विरोधी हुआ करते थे और तालिबान के खात्मे के लिए हमेशा से लड़ाईयां लड़ते हुए आ रहे थे लेकिन अब वह तालिबान के पक्ष में आ गए हैं। दूसरी ओर कार्यवाहक ग्रह मंत्री के रूप में सदर इब्राहिम को नियुक्त किया गया हैं, जबकि सखउल्लाह को कार्यवाहक शिक्षा प्रमुख बनाया गया है। खूफिया एजेंसी के चीफ के रूप में नजीबुल्ला को नियुक्त किया गया हैं। इसके अलावा काबुल के गवर्नर और मेयर की भी नियुक्ति की गई। इस तरह से तालिबान ने अपनी सरकार का गठन कर दिया है।

अहमद मसूद को तालिबान अपनी सरकार का हिस्सा बनाना चाहता

काबुल में तालिबान के कब्जे के बाद संगठन की निगाहें अब पंजशीर पर बनी हुई है, जहां आम लोगों को संबोधित करते हुए पंजशीर में नाॅर्दन अलायंस के नेता अहमद मसूद ने वहां के लोगों के प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि हम जान दे देंगे लेकिन अपनी जमीन और सम्मान से समझौता कतई नहीं करेंगे। वहीं दूसरी ओर आतंकी संगठन ने अहमद मसूद से इस सिलसिले में बातचीत करना शुरू कर दी है और संगठन की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल को पंजशीर भी भेजा गया है। तालिबान चाहता है कि अहमद मसूर उनकी सरकार में शामिल हो जाए ताकि अफगानिस्तान में वे शांति से सरकार बनाने के कार्य को अंजाम दे सके।

इससे पहले शनिवार को तालिबान के सह संस्थापक और उप नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल पहुंचे और सरकार बनाने के लिए अफगान राजनीतिक नेताओं के साथ औपचारिक चर्चा शुरू की। तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा उनके मंशूबे को और मजबूत बना रहा है, और इसलिए अब इस आतंकी संगठन ने अमेरिका को भी आंखे दिखाना शुरू कर दिया है। जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अमेरिकी सेना ने एयरपोर्ट पर फायरिंग की है। तालिबान ने अमेरिकी सेना को 31 अगस्त तक काबुल खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। इतना ही नहीं इसने अन्य देशों से सहायता भी मांगी है और तमाम देशों को जो राजदूत काबुल छोड़ कर जा रहे हैं उन्हें न डरने की अपील की है।

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