UNSC meeting on Afghanistan Crisis: digi desk/BHN/ अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हो रही है। भारत के विदेश मंत्री इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं। UN के सेक्रेटरी जनरल ने इस बैठक में तालिबान के शासन पर चिंता जताई और विश्व समुदाय से अनुरोध किया कि अफगानिस्तान को फिर से आतंकी गतिविधियों का गढ़ ना बनने दिया जाए। साथ ही वहां के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए। विश्व के कई देशों को इस बात का खतरा महसूस हो रहा है कि तालिबान के कब्जे में आने के बाद अफगानिस्तान एक बार फिर आतंकियों की शरणस्थली बन जाएगा।
उधर तालिबान के काबुल पर कब्जे के साथ वहां फंसे भारतीयों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा फिलहाल अमेरिका सेना संभाल रही है, लेकिन मौजूदा स्थिति में एयरपोर्ट पर किसी प्लेन का लैंड करना या बाहर निकलना भी आसान नहीं है। ऐसे में भारत के करीब 200 नागरिकों का वहां से निकलना मुश्किल हो गया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा था कि अफगानिस्तान का तालिबान के हाथ में पड़ जाना भारत के लिये ठीक नहीं है। इससे पहले शनिवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने केंद्र सरकार से अफगानिस्तान में रह रहे उन सिखों को वापस लाने के लिये प्रबंध करने का आग्रह किया था, जो भारत वापस आना चाहते हैं।
एयर इंडिया की बढ़ी मुश्किलें
वहीं, एयर इंडिया ने सोमवार को पूर्वनिर्धारित अपनी एकमात्र दिल्ली-काबुल उड़ान को रद्द कर दिया ताकि अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचा जा सके। विमानन कंपनी ने यह कदम काबुल हवाई अड्डे के अधिकारियों द्वारा ‘अनियंत्रित’ स्थिति घोषित किए जाने के बाद उठाया। भारत और अफगानिस्तान के बीच सोमवार को निर्धारित यह एकमात्र वाणिज्यिक उड़ान थी और एयर इंडिया एकमात्र कंपनी है जो दोनों देशों के बीच विमानों का परिचालन कर रही है। इसके अलावा एयर इंडिया ने अमेरिका से दिल्ली आ रहे अपने दो विमानों का रास्ता इसी वजह से बदल कर संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह कर दिया। दोनों विमान शारजाह ईंधन भरने के बाद दिल्ली के लिए रवाना होंगे और इस दौरान अफगान हवाई क्षेत्र से बचेंगे।