Hydraulic Crane Accident:digi desk/BHN/ ग्वालियर/ स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले शनिवार सुबह महाराज बाड़े पर एक बड़ा हादसा हो गया। ऐतिहासिक डाकघर भवन पर 50 फीट की ऊंचाई पर लगे राष्ट्रध्वज की डोरी ठीक करने के दौरान नगर निगम की हाइड्रोलिक क्रेन का संतुलन बिगड़ गया। क्रेन से लगे बॉक्स से गिरने से चौकीदार विनोद शर्मा, नगर निगम कर्मचारी प्रदीप राजौरिया व कुलदीप डंडौतिया की मौत हो गई। इसके बाद आक्रोशित लोगों ने वहां हंगामा कर दिया।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्वालियर प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने दुर्घटना में मृत कर्मचारियों के परिवारों को साढ़े चार – चार लाख की सहायता देने की घोषणा की है। आश्रितों को उसी पद पर मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति। वहीं घायल कर्मचारी को निःशुल्क इलाज एवं 50 हजार की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके साथ ही घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं और फायर अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
हंगामे के बीच एक वकील मनोज शर्मा ने नगर निगम के प्रभारी आयुक्त मुकुल गुप्ता को थप्पड़ जड़ दिया। कर्मचारियों ने फायर आफिसर उमंग प्रधान के साथ धक्का-मुक्की कर दी। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने मुख्यालय सहित सभी उपकेंद्रों पर ताले लगा दिए। पहले आक्रोशित कर्मचारियों ने माधव डिस्पेंसरी के सामने जाम लगाया फिर शव लेकर महाराज बाड़ा पहुंच गए। यहां भी उन्होंने जाम लगा दिया।
स्थानीय विधायक और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आक्रोशित लोगों से बात की और पूरे घटनाक्रम की जांच के आदेश दिए। कोतवाली थाने में दमकल कर्मी मंजर आलम खां की शिकायत पर फायर आफिसर उमंग प्रधान, क्रेन के चालक धर्मेंद्र वर्मा के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया।
रोज फहराया जाता है झंडा
डाकघर पर रोज सुबह राष्ट्रध्वज फहराया जाता है और शाम ढलते ही उतारा जाता है। यह दायित्व चौकीदार विनोद शर्मा संभालता था। वह सीढ़ी के माध्यम से यह काम करता था। झंडा फहराने के दौरान उसे घिर्री और डोरी में कोई समस्या दिखाई दी और उसे ठीक करने के लिए विनोद ने फायर विभाग की हाइड्रोलिक क्रेन की मांग की थी। चार कर्मचारी क्रेन लेकर पहुंचे थे।
क्रेन का बॉक्स ध्वज के पास पहुंचते ही हाइड्रोलिक प्लेटफार्म का संतुलन बिगड़ गया। एक ओर वजन आते ही क्रेन के तीन पहिये लगभग 10 फीट ऊपर उठ गए। क्रेन बॉक्स सहित सीधे डाकघर की छत पर गिरी और बॉक्स में सवार तीन लोगों की मौत हो गई। गाड़ी पर बैठा मंजर आलम खां अचेत हो गया। ड्राइवर भी नीचे गिर गया।
फायर आफिसर निलंबित, मृतकों के आश्रितों को नौकरी का आश्वासन
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने महाराज बाड़े पर पहुंचकर आक्रोशित कर्मचारियों से बात की। उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से चार-चार लाख रुपये की सहायता के अलावा तत्काल 50 -50 हजार रुपये की आर्थिक मदद, आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति, घायल को भी 50 हजार रुपये की सहायता की घोषणा की। फायर आफिसर उमंग प्रधान को निलंबित करने के साथ अपर कलेक्टर से इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए।