Madhya Pradesh High Court news: digi desk/BHN/जबलपुर/ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिये असिस्टेंट प्रोफेसर को हटाने पर रोक लगा दी। साथ ही राज्य शासन, प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा व पीएससी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। इसके लिए छह सितंबर तक का समय दिया गया है। यह मामला याचिकाकर्ता सहित 32 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के मनमाने रवैये को चुनौती से संबंधित है।
युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता टीकमगढ़ निवासी डॉ.जितेंद्र कुमार पांडे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एलसी पटने ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता नियमानुसार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, टीकमगढ़ में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त किया गया था। उसने नियुक्ति के बाद से ईमानदारी से दायित्व निभाया।
पुनरीक्षण के नाम पर चयन-सूची से बाहर कर दिया
इसके बावजूद पीएससी द्वारा चयन-सूची पुनरीक्षण के नाम पर चयन-सूची से बाहर कर दिया गया। जिसके आधार पर दो अगस्त, 2021 को बर्खास्तगी आदेश जारी कर दिया गया। दरअसल, हाई कोर्ट की युगलपीठ ने शिवेंद्र सिंह परिहार सहित अन्य के मामले में जो आदेश पारित किया था, उसकी अनुचित व्याख्या करते हुए याचिकाकर्ता सहित 32 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को बाहर का रास्ता दिखाया है। दिव्यांग कोटे को लेकर हाई कोर्ट ने पीएससी को जो दिशा-निर्देश दिए थे, उनका नियमानुसार पालन नदारद रहा है।