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MP: प्रदेश के नौ जिलों में 339 मरीजों में डेंगू की पुष्टि, आठ की मौत

MP Dengu confirmed in 9 district: digi desk/BHN/ मालवा-निमाड़/कोरोना महामारी के बीच अब मच्छरजनित रोगों का प्रकोप सताने लगा है। अंचल के नौ जिलों में अभी तक डेंगू के 339 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें आठ की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े चिंताजनक स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग सभी जरूरी कदम उठाने का दावा कर रहा है। विभाग का कहना है कि एक भी केस सामने आते ही सर्वे किया जा रहा है। जहां भी डेंगू का लार्वा मिल रहा है, उसे नष्ट किया जा रहा है। अस्पतालों में इलाज के पर्याप्त इंतजाम हैं।

किस जिले में क्या है स्थिति

मंदसौर जिले में अब तक डेंगू के 139 मरीज मिल चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा सीतमऊ में 60 एवं मंदसौर शहर में 50 डेंगू पॉजीटिव मिले हैं। मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। मलेरिया अधिकारी करणसिंह भूरिया का कहना है कि जिलेभर में लार्वा और फीवर सर्वे कर डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार पिछले पांच वर्षों से सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं। पिछले साल 71 मरीज मिले थे।

रतलाम जिले में इस साल अब तक 110 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। पिछले साल 42 मरीज ही मिले थे।संदिग्ध व किट जांच में मरीजों को जोड़ दें तो आंकड़ा 150 पार हो गया है। शहर के सभी 49 वार्ड में दो अगस्त से फीवर सर्वे चल रहा है। आगर जिले में अब तक 44 मरीज मिल चुके हैं। गत दिवस डेंगू पीड़ित 21 वर्षीय युवती की मौत भी हो चुकी है।

धार जिले में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले शहर में ही दो युवाओं की मौत हुई है। जिला मुख्यालय सहित नालछा, सरदारपुर और बदनावर विकासखंड में डेंगू का प्रकोप ज्यादा है। 50 से अधिक गांवों में यह बीमारी चिंताजनक स्थिति में है। जिला मलेरिया अधिकारी धर्मेंद्र जैन ने बताया कि हमारे यहां पर 23 लोग डेंगू से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे स्तर पर मौत की पुष्टि नहीं हुई है। 35 गांवों में यह बीमारी फैली है। इसको लेकर नियंत्रण कार्यक्रम चला रहे हैं। संदिग्ध मरीजों की संख्या 96 है।

35 हजार घरों का सर्वे

बुरहानपुर जिले में नेपानगर में डेंगू के छह मरीज मिले हैं। यहां पर 50 घरों में सर्वे में लार्वा मिला, जिसे मेडिकल टीम ने नष्ट किया। देवास जिले में अब तक डेंगू के दो मरीज जुलाई माह में मिले थे जबकि पिछले साल पूरे सीजन में 46 मरीज सामने आए थे। इंदौर, आगर-मालवा में केस मिलने के बाद देवास जिला अलर्ट है। विकासखंड स्तर पर अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।

खंडवा जिले में डेंगू के दो नए मरीज गांव बरूड़ व काल्याखेड़ी से मिले हैं। दस व 13 साल के दोनों बधाों की प्लेटलेट्स रिकवर नहीं होने से इंदौर रेफर किया गया है। जनवरी से अब तक पांच केस सामने आए हैं, वहीं मलेरिया पीड़ित चार मरीज मिले हैं। 35 हजार घरों का सर्वे किया गया। इनमें से 500 घरों में मच्छरों का लार्वा पाया गया, जिसे नष्ट किया गया।

बड़वानी जिले में इस वर्ष अब तक 8 मरीज पाए गए हैं, जबकि गत वर्ष पूरे साल में 9 मरीज मिले थे। निजी अस्पतालों में भी अधिक संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। निजी अस्पतालों में रैपिड किट से टेस्ट किया जाता है, जबकि जिला अस्पताल में एलिजा टेस्ट के आधार पर डेंगू माना जाता है।

एक लाख से अधिक स्लाइड बनाई

शाजापुर जिले में मच्छरजनित बीमारियों को लेकर स्थिति इस बार बेहतर है। जिला मलेरिया अधिकारी आरएस जाटव ने बताया कि फिलहाल मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू का एक भी मरीज सामने नहीं आया है। गत वर्ष चार मरीज मिले थे। खरगोन जिले में धीरे-धीरे डेंगू पैर पसार रहा है। जिले में अब छह से अधिक डेगू के संभावित मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। जिले में अब तक एक लाख से अधिक स्लाइड बनाई गई हैं।

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