Balika Vadhu 2: digi desk/BHN/ टीवी सीरियल बालिका वधू की दूसरा सीजन शुरू हो चुका है। इस शो के जरिए एक्ट्रेस अविका गौर ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआथ की थी। यहीं से छोटे पर्दे पर उनकी धमाकेदार एंट्री हुई और अब वो एक जाना माना नाम हैं। इस शो में आनंदी का रोल करने वाली अविका गौर ने बताया है कि एक बार उनके एक फैन ने उनसे कहा था कि आपका शो परिवार के साथ बैठकर नहीं देख सकते। बालिका वधू शो बाल विवाह जैसी कुरीति पर आधारित है। अब नई स्टारकास्ट और कहानी के साथ यह फिर से दस्तक दे चुका है। अविका गौर का मानना है कि टीवी शो समाज में बदलाव लाते हैं और दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ते हैं।
शुरुआत में कहानी नहीं समझ पाईं थी अविका
अविका ने एक अंग्रेजी वेबसाइट के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि बालिका वधू शो देखने के बाद शुरुआत में उन्हें लगा कि यह इतिहास से जुड़ा कोई शो है, लेकिन बाद में हकीकत पता चली तो वो चौंक गईं। अविका के अनुसार वो मुंबई में पली-बढ़ी हैं इसलिए उन्हें हकीकत समझने में समय लगा। जब उन्हें शो की कहानी समझ आई उन्हें यकीन नहीं हुआ कि कोई माता-पिता अपने बच्चे के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। एस एक्ट्रेस ने एक किस्सा भी सुनाया जब उनके एक फैन ने कहा था कि बालिका वधू शो को अपने परिवार के साथ देखने में शर्म आती है।
बुजुर्ग ने कहा- आपका शो परिवार के साथ नहीं देख सकता
अविका ने कहा “जब मैं 2010 में दिल्ली में थी। एक आदमी जो कि 60 साल के आसपास का था, वो मेरे पास आया और उसने कहा- बच्चा हमें माफ करना पर हम आपका शो अपने परिवार के साथ नहीं देख सकते। हमें शर्म आती है। जब मैंने इसकी वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि उनके परिवार में भी यही प्रथा लागू है। हालांकि उन्होंने मुझसे वादा किया कि ये अब नहीं होगा। मैं उनकी बातें सुनकर सहम गई थी। मुझे पता ही नहीं था कैसे रिएक्ट करना है लेकिन उनके स्टेटमेंट ने मुझे प्राउड फील करवाया।”
समाज में बदलाव ला रहा है शो
अविका गौर ने बालिका वधू शो के प्रभाव पर बात करते हुए कहा ”टीवी शो की जिम्मेदारी एंटरटेन करनी की है लेकिन इसके साथ अगर हम एक परिवार एक इंसान की जिंदगी में बदलाव ला पाते हैं तो ये अचीवमेंट है। मुझे याद है एक जर्नलिस्ट ने मुझसे कहा था कि कोलकाता में 8 साल की लड़की ने मंडप पर खड़े होकर शादी के लिए मना किया था। उसने कहा था कि आनंदी ने मना किया है। एक खास वजह है कि शो वापसी कर रहा है। ये कुरीति अभी भी हमारे समाज में है। हमें लोगों को इसके नुकसान के बारे में बताने की जरूरत है।”