Corona Third Wave:digi desk/BHN/ भोपाल/ प्रदेश सरकार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भारी भरकम तैयारी की है। ऑक्सीजन वाले 3813 बिस्तर बढ़ाने का काम शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में 650 और मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में 375 आइसीयू/एचडीयू बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैंं। डॉक्टर, नर्स और एएनएम की भर्ती की जा रही है। 186 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जा रहे हैं, इनमें अभी तक 35 स्थापित हो चुके हैं। बाकी भी 30 सितंबर के पहले तैयार हो जाएंगे।
सभी प्लांट को मिलाकर 229 टन मेडिकल ऑक्सीजन रोज उत्पादन करने की क्षमता होगी। तीसरी लहर के मद्देनजर ज्यादातर काम पूरा करने की समय सीमा 30 सितंबर है। हालांकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने अगस्त में तीसरी लहर आने की आशंका जताई है। ऐसा हुआ तो दूसरी लहर की तरह मुश्किलें बढ़ जाएंगी। सबसे ज्यादा दिक्कत डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ को लेकर होगी।
सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी) या एनजीओ के जरिये तैयार किए जा रहे अस्पताल
- -भोपाल में हाल ही में तैयार काटजू सिविल अस्पताल में 200 बिस्तर तैयार किए गए हैं। इसमें 50 आइसीयू वाले हैं। संचालन एनजीओ कर रहा है।
- -सीहोर में 300 बिस्तर का अस्पताल तैयार किया जा रहा है। ऑक्सीजन वाले 100 बिस्तर में 50 बच्चों के लिए होंगे।
- -मंडला, डिंडौरी में क्रमश: 70 और 30 बिस्तर का अस्पताल बनाया गया है। 15 अगस्त तक डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी और नरसिंहपुर में मिलाकर ऑक्सीजन वाले 200 बिस्तर के अस्पताल और तैयार होंगे।
- -बीना रिफायनरी में ऑक्सीजन वाले 200 बिस्तर तैयार हो रहे हैं।
बच्चों के लिए ये इंतजाम
- -जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 310 बिस्तर की पीडियाट्रिक गहन चिकित्सा इकाई तैयार की जा रही है।
- -मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में 380 बिस्तर की बाल/ शिशु गहन चिकित्सा इकाई तैयार की जा रही है। समय सीमा 30 सितंबर है।
- -कोरोना संक्रमित व संदिग्ध बच्चों के लिए सभी जिले में एक-एक एंबुलेंस होगी।
इतनी बढ़ेगी मेडिकल ऑक्सीजन की क्षमता
यूनिट का प्रकार—मौजूदा क्षमता—बढ़ाने की तैयारी
एएसयू (एयर सेपरेशन यूनिट) —129 टन प्रतिदिन—31 टन प्रतिदिन
पीएसए (प्रेशर स्विंग एडजारप्शन) — 21 टन प्रतिदिन—208 टन प्रतिदिन
तरल ऑक्सीजन (भंडारण क्षमता)—752 टन (निजी व सरकारी मिलाकर)—358 टन (सरकारी अस्पतालों में)
वेंटिलेटर: सरकारी और निजी अस्पतालों में मिलाकर 2112 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। इनमें 1407 का उपयोग बच्चों के लिए किया जा सकता है।
मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में 1280 वेंटिलेटर हैं। इनमें 480 का उपयोग बच्चों के लिए किया जा सकता है।
इतनी दवाएं व इंजेक्शन उपलब्ध
- रेमडेसिविर इंजेक्शन-1.5 लाख
- एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन—10 हजार
- टोसिलीजुमैब इंजेक्शन —230 नग
डॉक्टर-नर्स व अन्य स्टाफ की होगी भर्ती
- 904 विशेषज्ञों की मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) से सीधी भर्ती (31 अक्टूबर तक) की जाएगी।
- 866 चिकित्सा अधिकारियों के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार हो चुका है। महीने भर में नियुक्ति की उम्मीद है। अन्य 576 पदों पर सितंबर तक भर्ती की जाएगी। 863 डॉक्टरों की भर्ती मेडिकल कॉलेजों में की जा रही है।
- 2913 एएनएम की भर्ती 31 अगस्त तक पीईबी से की जाएगी।
- 222 पुरुष स्टाफ नर्स और 68 अस्पताल प्रबंधकों की नियुक्ति अक्टूबर तक की जाएगी।
- 7,523 चिकित्सा अधिकारी, 16 हजार स्टाफ नर्स, 26 हजार आयुष मेडिकल ऑफिसर, 34 हजार फील्ड वर्कर और 6003 वालेंटियर्स को कोरोना से जुडी सेवाओं के बारे में प्रशिक्षित किया गया है।