New Wage Code: digi desk/BHN/ भारत सरकार सरकारी कर्मचारियों के कामकाज के तरीके में बदलाव करना चाहती है। इसका मूल ड्राफ्ट भी तैयार हो चुका है और नए वेज कोड को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है। पहले यह 1 अप्रैल से लागू होने वाला था, लेकिन राज्य सरकारें इसके लिए तैयार नहीं थी और यह लागू नहीं हो सका। अब सरकार चाहती है कि अक्टूबर के महीने में इसे लागू किया जाए। नया वेज कोड लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के काम करने के घंटे और छुट्टियों में भी काफी बदलाव आएगा।
न्यूज वेबसाइट जी न्यूज की खबर के अनुसार अक्टूबर तक सभी राज्य अपने ने ड्राफ्ट रूल्स तैयार कर लेंगे। इसके बाद नया वेज कोड लागू किया जा सकता है। इससे कर्मचारियों की सैलरी ,छुट्टियां आदि में बदलाव होंगे। ऑफिस में काम करने वाले लोगों से लेकर मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक इससे प्रभावित होंगे। उनकी सैलरी, छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे।
नए वेज कोड में कहा गया है कि हर कंपनी एक कर्मचारी के ऊपर जितना पैसा खर्च करेगी उसका आधा से ज्यादा हिस्सा उसे बेसिक सैलरी के रूप में दिया जाएगा। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं। इससे कंपनी पर कम बोझ पड़ता है और कर्मचारी के हाथ में आने वाली सैलरी बढ़ जाती है। वहीं बेसिक सैलरी बढ़ने पर कर्मचारी के हाथ में आने वाली सैलरी कम होगी पर कंपनियों के ऊपर दबाव बढ़ेगा।
साल की छुट्टियां बढ़कर 300 हो सकती हैं
कर्मचारियों की छुट्टियां 240 से बढ़कर 300 हो सकती है। इसके पहले श्रम मंत्रालय और इंडस्ट्री के श्रम यूनियनों के प्रतिनिधियों के बीच इसको लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें हमेंशा इस बात पर जोर दिया गया कि कर्मचारियों की अर्न्ड लीव को 240 से बढ़ाकर 300 किया जाए। हालांकि, इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
काम करने के घंटे और वीक ऑफ भी बदलेंगे
नए वेज कोड के तहत सरकारी कर्मचारियों के काम के घंटे बढ़ाकर 12 किए जा सकते हैं, लेकिन हफ्ते में उनसे 48 घंटे की काम कराया जाएगा। ऐसा होने पर सरकारी कर्मचारियों को 3 दिन का वीक ऑफ मिलेगा। कुछ कर्मचारी यूनियन इसका विरोध भी कर रहे हैं। हालांकि काम घंटे में फेरबदल कर्मचारी और कंपनी की सहमति से होगा। 8 घंटे काम करने वाले कर्मचारी को हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा, जबकि 12 घंटे काम करने पर 3 वीक ऑफ मिलेंगे।
पहली बार न्यूनतम सैलरी का नियम
देश में पहली बार सभी तरह के वर्कर्स को मिनिमम वेज यानी न्यूनतम सैलरी मिलेगी। प्रवासी मजदूरों के लिए नई स्कीम्स हैं। सभी मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रॉविडेंट फंड भी दिया जाएगा। सभी कर्मचारियों को ESI का कवरेज मिलेगा औऱ महिलाएं हर तरह के काम कर सकेंगी। लड़कियों को नाइट शिफ्ट करने की भी अनुमति होगी।
सैलरी कम पर रिटायर होने पर ज्यादा पैसा
बेसिक सैलरी बढ़ने पर कर्मचारियों के हाथ में कम सैलरी आएगी, पर पीएफ ज्यादा कटेगा और कर्मचारियों का भविष्य पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा। पीएफ बढ़ने पर ग्रैच्युटी भी बढ़ेगी और रिटायर होने पर कर्मचारियों को ज्यादा पैसा मिलेगा। असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी नया वेज कोड लागू होगा। इससे सैलरी और बोनस के नियम बदलेंगे और हर सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में समानता आएगी।