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Satna: जल जनित एवं संक्रामक रोग के दृष्टिगत प्रतिबंधात्मक उपाय किये जाने के निर्देश

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में जल जनित रोंगो एवं संक्रामक रोग के फैलाव की संभावना के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत बीमारियों के प्रादुर्भाव और फैलाव की रोकथाम के लिये प्रतिबंधित उपाय तुरंत किये जाने के आदेश दिये गये हैं। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अजय कटेसरिया ने सम्पूर्ण सतना जिले में जल-जनित रोगो एवं संक्रामक रोगो (हैजा, आंत्रशोध पेचिस, पीलिया, मस्तिक ज्वर) के फैलाव की संभावना के कारण तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टिगत म.प्र. आपत्तिजनक हैजा विनियम 1983 के नियम 3 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये अधिसूचित क्षेत्र के लिये समस्त कार्यपालन दंडाधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय, समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी, समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी, पंचायत अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत, जिला महामारी विशेषज्ञ, जिला मलेरिया अधिकारी, नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य निरीक्षक तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारी को बीमारी के प्रादुर्भाव और फैलाव की रोकथाम के लिये अधिकृत किया गया है।

अधिकृत किये गये अधिकारी अधिसूचित क्षेत्र में किन्हीं भी नालियों, नालों, गटरों, पानी के गड्ढों, पोखरों, मलकुण्डों, संडासों, संक्रामक वस्तुओं, बिस्तरों, कूड़ा-करकट अथवा किसी भी प्रकार की गंदगी को हटाने तथा उस स्थान को स्वच्छ और रोग कीटाणु से उसका निर्वतन अथवा उसके संबंध में समुचित रोगाणुनाशक पदार्थकों का समुचित उपयोग करने के लिये आदेश जारी कर सकेंगे। जारी प्रतिबंधात्मक आदेश आगामी 6 माह की अवधि तक प्रभावशील रहेगा।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेशानुसार अधिसूचित क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, उपहारगृहो, भोजनालयों, होटलों, जनता के लिये खाद्य एवं पेय पदार्थ निर्माण कार्य करने या उनके प्रयोग करने के लिये कायम रखी गई स्थापना में विक्रय या निमूल्य वितरण के लिये उपयोग में लाये गये स्थानो पर बासी मिठाईयां तथा नमकीन वस्तुओं व फल, सब्जियों, अण्डे एवं दूषित खाद्य पदार्थो की बिक्री प्रतिनिषिद्ध रहेगी। मिठाईयां तथा नमकीन वस्तुएं व सडे़-गले फल, सब्जियों, दूध, दही, उबली हुई चाय, कॉफी, अण्डे, आइसक्रीम, बर्फ के लडडू, चूसने वाले पेय पदार्थ बिक्री के लिये खुले नहीं रखे जायेंगे। इन्हे जालीदार ढक्कनों अथवा कांच के बंद शोकेस में अथवा पारदर्शी आवरण में ढककर रखा जाएगा कि वे मक्खी, मच्छर आदि कीटों या दूषित हवा से मानव उपयोग के लिये दूषित, अस्वास्थ्य कारक या अनुपयोगी न हो सके। प्रतिबंधित अवधि में घोषित अधिसूचित क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति उल्लेखित वस्तुओं एवं पकाये हुये भोजन को न तो लायेगा और न ही ले जायेगा।

जारी आदेश में कहा गया है कि नालियां, गटर पानी के गड्ढे, मलकुण्ड. कूड़ा-करकट आदि गंदगी को स्वच्छ रखा जाये तथा रोगाणुनाशक पदार्थ से नियमित सफाई की जाये। मक्खियाँ, मच्छर पैदा करने वाले स्थान को स्वच्छ रखा जाये, जिससे खाद्य पदार्थ को दूषित होने से बचाया जा सकेगा। नगरपालिका क्षेत्र में जल प्रदाय टंकी की समय-समय पर सफाई तथा जल शुद्धिकरण के लिये उचित मात्रा में क्लोरीन काम में लाई जाये। ग्रामीण क्षेत्रों में नाले, तालाब, अस्वच्छ कुओं, बावड़ियों का पानी पीने के काम में नहीं लाया जाये। हैण्डपम्प का पानी ही पीने के उपयोग में लाया जायें। ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्त्रोतो को प्रति सप्ताह नियमित ब्लीचिंग पावडर डालकर जल का उपयोग करें।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने प्राधिकृत अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रतिबंधित अवधि में घोषित अधिसूचना क्षेत्र के किसी भी बाजार, भवन, दुकान, स्टॉल, अथवा खाने-पीने की किसी भी वस्तु के विक्रय, निमूल्य वितरण के लिये उपयोग में लाये जा रहे स्थानों, प्रवेश करने, निरीक्षण करने, वस्तु की जाँच पड़ताल करने तथा खाने-पीने की वस्तु के विक्रय का मानव उपयोग अभिप्रेत है और जो पदार्थ दूषित या अनुपयुक्त है तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता में उल्लेख की गई रीती में अस्वास्थ्यकारक, दूषित व अनुपयुक्त पाया गया हैं, ऐसी वस्तुओ को अधिग्रहण कराकर हटायें व नष्ट करें या ऐसी नीति से निर्वतन करने के लिये, जिससे यह मानव उपयोग में लाये जाने से रोका जा सके। आदेश का उल्लंघन करने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 56 के तहत एक लाख रूपये तक का जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान भी किया गया है।

जिले में अब तक 167.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

जिले में इस वर्ष 1 जून से 7 जुलाई 2021 तक 167.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख सतना से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की सतना (रघुराजनगर) तहसील में 305.7 मि.मी., सोहावल (रघुराजनगर) में 317.2 मि.मी., बरौंधा (मझगवां) में 134.1 मि.मी., बिरसिंहपुर में 176 मि.मी., रामपुर बघेलान में 146 मि.मी., नागौद में 128 मि.मी., जसो (नागौद) में 73.8 मि.मी., उचेहरा में 170 मि.मी., मैहर में 99.7 मि.मी., अमरपाटन में 130 मि.मी. तथा रामनगर तहसील में 166.3 मि.मी. औसत वर्षा अब तक दर्ज की जा चुकी है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1039.7 मि.मी. है। गत वर्ष इस अवधि तक जिले में 287.4 मि.मी. वर्षा दर्ज की जा चुकी थी।

भूमि सम्बन्धी जानकारी नवीन खसरे से आसानी से मिलेगी

हाल ही में जारी नवीन खसरा का प्रारूप में अनेक जानकारियां समाविष्ट की गयी हैं। इससे भूमि सम्बंधी जानकारी आसानी से मिलेगी। नवीन खसरे के कॉलम नंबर एक में भूमि के भाग की यूनिक आईडी, कॉलम नंबर दो में भूमि के भाग का प्रकार, कॉलम नंबर तीन में भू-खण्ड संख्या क्रमांक, कॉलम नंबर चार में क्षेत्रफल, भूमि उपयोग जिसके लिए निर्धारण किया गया है, भू-राजस्वू, भू-भाटक, कॉलम नंबर पांच में भूमि स्वामी का नाम तथा निवास का पता तथा इसी में शासकीय भूमि दर्ज होगा।

कॉलम नंबर 6 में प्रत्येक भूमि स्वामी का अंश, कॉलम नंबर सात में सरकारी पट्टेदार का नाम तथा निवास का पता, पट्टे की अवधि पट्टे के अधीन क्षेत्र, कॉलम नंबर आठ में अधिकारी कृषक (यदि कोई हो) का नाम तथा निवास का पता, कॉलम नंबर नौ में भूमि पर विल्लंगत तथा प्रभार, कॉलम नंबर दस में फसल खरीफ, रबी, जायद, अन्य, कॉलम नंबर ग्यारह में फसल के अधीन क्षेत्रफल तथा कॉलम नंबर बारह में भूमि के सिंचाई संबंधी प्रास्थिति भूमि पर संरचना, वृक्ष अन्यल अभ्युक्तियां वर्ष के दौरान कॉलम संख्या एक से नौ तक में प्रविष्टियों में सुधार के आदेश शामिल है।

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