Education News: digi desk/BHN/रायपुर/ कोरोना काल में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम कक्षा 11वीं- 12वीं के बच्चों के लिए ऑनलाइन किताबें उपलब्ध करा रहा है। एनसीईआरटी आधारित किताबें घर बैठे मंगा सकते हैं। निगम ने इसमें डाक खर्च में भी छूट दी है। वहीं, ये किताबें अब ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। पाठ्यपुस्तक निगम की ओर से प्रकाशित इन किताबें को यदि विद्यालय, छात्र, अभिभावक या अन्य कोई भी सीधे निगम के डिपो से प्राप्त करते हैं, तो प्रत्येक किताबों के मूल्य में पंद्रह प्रतिशत की छूट मिलेगी।
वेबसाइट से भी कर सकते हैं डाउनलोड
किताबें निगम की वेबसाइट WWW.tbc.cg.nic.in पर ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। जिन जगहों पर अभी किताबें नहीं पहुंच पाई हैं, वहां इसे वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं। पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने बताया कि ये किताबें बाजार में उपलब्ध अन्य पुस्तकों से बेहतर और सस्ती भी हैं। इसके अलावा गुणवत्तायुक्त कागज पर मुद्रित इन प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी हैं उपयोगी हैं। 11वीं- 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत निगम ने अपनी वेबसाइटपर ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया है।
दो साल से लागू हैं एनसीईआरटी की किताबें
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश में शिक्षासत्र 2017–2018 से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुरूप पाठ्य पुस्तकें लागू की जा चुकी हैं। कक्षा 11वीं की 24 और कक्षा 12वीं की 13 विषयों का मुद्रण कराया गया है। ये पुस्तकें छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के छह पुस्तक भंडारों रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, रायगढ़, राजनांदगांव, जगदलपुर में विक्रय के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा ये पुस्तकें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित निगम के पंजीकृत विक्रेताओं के पास भी उपलब्ध कराई जा रही है।
इतने बच्चों ने मंगाई ऑनलाइन किताबें
निगम ने पिछले 2019–2020 में आठ लाख निन्यानबे हजार नौ सौ अठ्ठासी पुस्तकें बेची हैं, इससे निगम को छह करोड़ पंद्रह लाख इकसठ हजार तेरह रुपये मिले हैं। इसी प्रकार शिक्षासत्र 2020-2021 में एक लाख उनतीस हजार चौहत्तर किताबें बेच चुके हैं। इससे निगम को इन्क्यानबे लाख तिरालिस हजार छह सौ उनचास रुपये मिले हैं। शिक्षासत्र 2021–2022 में सतहत्तर हजार नौ सौ सतहत्तर पुस्तकें बेच चुके हैं। इससे निगम को तिरेपन लाख इक्तालीस हजार चार सौ अस्सी रुपये मिले हैं। वर्तमान में निगम के पुस्तक भंडारों में कुल 43 विषयों की आठ लाख उन्यासी हजार एक सौ बाइस पुस्तकें विक्रय के लिए उपलब्ध हैं, जिनकी अंकित मूल्य आठ करोड़ चौबीस लाख उनसठ हजार बयानवे रुपये है।