Friday , July 11 2025
Breaking News

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर 28 को करेगी सुनवाई

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच मंगलवार 28 जनवरी को दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से एआईएमआईएम के उम्मीदवार ताहिर हुसैन ने चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत मांगी है। आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन 22 जनवरी को अंतरिम जमानत पाने में विफल रहे, जब शीर्ष अदालत की दो जजों की बेंच ने विभाजित फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 28 जनवरी की कॉज लिस्ट के अनुसार, याचिका पर जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच के समक्ष सुनवाई होनी है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 जनवरी को ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद सीट से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के टिकट पर नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कस्टडी पैरोल दी थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक अंतरिम जमानत के लिए उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोपों की गंभीरता, हिंसा में मुख्य अपराधी होना, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई थी, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि दंगों के सिलसिले में ताहिर हुसैन के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज की गई थीं और वह कथित तौर पर संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले और यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में हिरासत में थे।

दिल्ली दंगों में 53 लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे। ताहिर हुसैन इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत से जुड़े एक मामले में आरोपी है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 26 फरवरी, 2020 को शिकायतकर्ता रविंदर कुमार ने दयालपुर थाने को सूचित किया कि उनका बेटा अंकित शर्मा पिछले दिन से लापता है। अंकित शर्मा का शव कथित तौर पर दंगा प्रभावित क्षेत्र के खजूरी खास नाले से बरामद किया गया था और उस पर 51 चोटों के निशान थे।

22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने ताहिर हुसैन की याचिका पर एक विभाजित फैसला सुनाया। जस्टिस मिथल ने हुसैन की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कोई मामला नहीं बनता, जबकि जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा सकता है। दोनों न्यायाधीशों ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री से मामले को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के समक्ष रखने को कहा था ताकि इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए एक नई बेंच का गठन किया जा सके।

About rishi pandit

Check Also

अमित शाह से मिले CM सोरेन, रखीं 31 मांगें और मांगा केंद्र का सहयोग

रांची रांची के होटल रेडिसन ब्लू में गुरुवार को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की बैठक केंद्रीय …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *