The main accused of the heinous massacre: digi desk/BHN/देवास/ नेमावर में हुए जघन्य हत्याकांड के मामले में शुक्रवार को पुलिस प्रशासन की तरफ से बड़ी कार्रवाई की गई। मुख्य आरोपित सुरेंद्र पुत्र लक्ष्मण चौहान का अवैध निर्माण ढहाया गया। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला और एसपी डा.शिव दयाल सिंह भी नेमावर पहुंचे। मुख्य आरोपित के अलावा अन्य आरोपितों के भी अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है। सुबह करीब साढ़े 11 बजे से बड़ी सख्या में पुलिस और नगर परिषद का अमला मुख्य आरोपित सुरेंद्र पुत्र लक्ष्मण सिंह चौहान के नेमवार में रेती नाका चौराहे के पास बने मकान को तोड़ने के लिए पहुंचा। मुख्य आरोपित ने मकान और दुकान का अवैध निर्माण किया गया था।
परिवार के सदस्यों द्वारा मकान खाली करने के बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की और अवैध निर्माण को जमीदोंज कर दिया। स्वजनों की तरफ से कार्रवाई को लेकर कोई विरोध नहीं किया गया। अन्य आरोपित विवेक कृष्ण गोपाल तिवारी के वार्ड क्रमांक 14 खईपार भैरव मंदिर के पास बने अवैध मकान को भी चिन्हित किया गया है। इसे भी तोड़ा जाएगा। परिवार वालों को मकान खाली करने के लिए पुलिस की तरफ से निर्देशित किया गया, जिसके बाद अवैध निर्माण के सामने स्थित मकान में सामान परिवार वालों ने शिफ्ट किया।
गुरुवार को सभी सात आरोपितों को देवास में कोर्ट में पेश किया गया था जहां से सुरेंद्र, राकेश और करण को कोर्ट ने शनिवार शाम 4 बजे तक पुलिस रिमांड पर भेजा है साथ ही अन्य चार आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।
कांतिलाल भूरिया नेमावर पहुंचे
वहीं शुक्रवार सुबह पूर्व केंद्रीय मंत्री और झाबुआ से विधायक कांतिलाल भूरिया भी नेमावर पहुंचे। पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त की। इसके बाद घटना स्थल पहुंच उन्होंने मौका मुआयना किया। 4 जुलाई को आदिवासी नेता और मनावर विधायक हीरालाल अलावा भी नेमावर आएंगे और जयस के नेतृत्व में प्रदर्शन यहां किया जाएगा।
ये था मामला
13 मई की रात नेमावर बस स्टैंड के पास रहने वाली ममता बलाई अपनी दो बेटी रूपाली और दिव्या तथा उसकी भतीजी नीतू के पुत्र पवन व पुत्री पूजा को लेकर अचानक गायब हो गई थी। जिसकी सूचना ममता बाई की बेटी भारती ने पुलिस को दी। पुलिस ने 17 मई को गुमशुदगी दर्ज कर मामले में जांच शुरू की गई। जांच के दौरान संदिग्ध लोगों से पूछताछ तथा तकनीकी आधार पर जानकारी लेकर सभी को ढूंढने का प्रयास किया गया। इस बीच 27 मई को नीतू थाने पहुंचे और बेटे पवन और बेटी पूजा के अपहरण की आशंका रूपाली पर जताई।जिसके बाद धारा 363 में प्रकरण दर्ज कर मामले की विवेचना की गई।
पुलिस टीम का गठन कर होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, चौरल, भोपाल, सीहोर तथा इंदौर के कई स्थानों पर सर्चिंग की गई। इस दौरान मुखबिर की सूचना पर संदेही सुरेंद्र पुत्र लक्ष्मण राजपूत निवासी नेमावर से कड़ाई से पूछताछ की गई तो वह टूट गया और उसने पुलिस को बताया कि रूपाली उसकी प्रेमिका थी।
रूपाली के द्वारा मंगेतर दिव्यांशी के विरूद्ध इंटाग्राम पर गलत पोस्ट करने तथा शादी के लिए दबाव डालने से क्षुब्ध होकर सुरेंद्र ने भाई वीरेंद्र सहित अन्य साथियों के साथ मिलकर रूपाली और स्वजनों की हत्या कर शवों को अपने खेत के किनारे बने 12 फीट के गड्ढे में दफना दिया था तथा रूपाली का मोबाइल खंडवा निवासी साथी राकेश निमौरे को देकर अलग अलग दिन विभिन्न जगह से इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालकर पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास किया।