तीन माह पूर्व जेरठ चौकी के गूड़ा गांव में हुए अंधे हत्याकांड का पुलिस ने कि या पर्दाफाश, नौ आरोपी गिरफ्तार
दमोह/पथरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/ पथरिया थाना के जेरठ चौकी अंतर्गत बरखेड़ा जयसिंह ग्राम पंचायत के गूड़ा गांव में 29 मार्च को हुए अंधे हत्याकांड का पथरिया पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय में पेश किया। यह हत्या आने वाले सरपंच पद के चुनाव को लेकर की गई थी। चुनाव तो संपन्न नहीं हो पाए, लेकिन एक व्यक्ति की जान जरुर चली गई। इस हत्याकांड से एक अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि आरोपी सरपंची का चुनाव हार जाते या जीत जाते तब उनके क्या मंसूबे होते।
जानकारी के अनुसार 29 मार्च को गूड़ा गांव में सरदार सिंह पिता बाबू सिंह लोधी 50 का शव पत्थर की खदान में मिला था। उसके सिर व माथे गंभीर चोटों के निशान थे और शव बाइक के नीचे दबाया गया था। स्वजनों को सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचे और शव बाहर निकालकर रात को पुलिस थाने पथरिया पहुंचे और नौ लोगों पर हत्या का आरोप लगाते हुए आरोपियों पर मामला दर्ज करने की मांग की गई। मामले में मृतक की पत्नी ममता सिंह व बेटी किरण सिंह के बयानों के आधार पर तत्कालीन थाना प्रभारी बृजेश पांडे ने नौ लोगों पर धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर जांच में लिया और आरोपियों की तलाश शुरु की गई।
तीन महीने बाद बुधवार को इस हत्याकांड के नौ आरोपी गिरफ्तार किए गए। आरोपियों के संबंध में थाना प्रभारी एचआर पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतक सरदार सिंह की हत्या धारदार हथियार से की गई थी। हत्या के बाद शव को पत्थर की खदान में फेंक दिया गया था और घटना को एक्सीडेंट का रुप देने के लिए मृतक के शव के उपर बाइक रख दी ताकि देखने वालों को यह हादसा बाइक फिसलने से पानी में गिरने का लगे और इसी को सरदार सिंह की मौत का कारण लोग माने।
पुलिस ने मामले की जांच शुरु की तो पता चला कि मुख्य आरोपी स्वरुप सिंह ने अपने आठ साथियों के साथ मिलकर सदार सिंह की हत्या कर दी थी क्योंकि आने वाले सरपंच चुनाव में सरदार सिंह चुनाव लड़ने वाला था। यह बात भी सामने आई कि सरपंच पद के चुनाव आने वाले थे जिसको लेकर गांव वालों ने एकमत होकर विचार बनाया कि गांव में मंदिर निर्माण के लिए जो दावेदार सबसे अधिक राशि दान के रुप में देगा सभी ग्रामीण उसे निर्विरोध सरपंच बनाएंगे। जिसको लेकर एक बैठक का आयोजन गांव में कि या गया और सरदार सिंह ने मंदिर के लिए सबसे अधिक राशि देने का वादा कि या। आरोपियों को लगा कि अब सरदार सिंह सरपंच बन जाएगा तो उसे रास्ते से हटाने के उद्देश्य से उसकी हत्या कर दी। सभी नौ आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। आरोपियों में स्वरुप सिंह, राजेश, राजेंद्र बबलू, नवल, रवि, रणधीर, छोटू उर्फ रवींद्र अमर सिंह शामिल हैं।