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Post Covid effect : लंबे समय तक स्टेरॉयड देने से खोखली हो रहीं कोरोना मरीजों की हड्डियां

Post covid effect:digi desk/BHN/ देश में कोरोना की दूसरी लहर का असर अब कम हो चुका है। मई महीने की शुरुआत में केस कम होने शुरू हुए थे और अब हालात बहुत हद तक काबू में आ चुके हैं। पहले रोजाना 4 लाख के करीब नए मामले आ रहे थे, जिनका आंकड़ा अब काफी कम हो चुका है। देश में रिकवरी रेट भी बेहतर हुआ है और बड़ी संख्या में मरीज कोरोना को हराकर अपने घर में पहुंचे हैं। हालांकि चिंता की बात ये है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी समस्याओं को डॉक्टर ‘लॉन्ग कोविड’ कह रहे हैं।

लॉन्ग कोविड से डॉक्टरों का आशय उन बीमारियों से है जो मरीज को लंबे समय तक परेशान करती हैं और कई बार मौत की वजह भी बन जाती हैं। न्यूज 18 की खबर के अनुसार लंबे समय तक मरीजों को स्टेरॉयड देने से उनकी हड्डियां भी कमजोर होती हैं। गुड़गांव के सीके बिड़ला अस्पताल में आर्थोपेडिक्स विभाग के डॉक्टर देबाशीष चंदा के अनुसार कोविड -19 के जिन रोगियों को स्टेरॉयड की जरूरत पड़ती है उनके शरीर में मांसपेशियों की ताकत कम हो जाती है। ऐसे मरीजों को लंबे वक्त तक बेड रेस्ट की सलाह दी जाती है।

लंबे समय तक परेशान करता है कोरोना

डॉक्टर चंदा का कहना है, “लंबे समय तक बीमारियों और कई हफ्तों तक बेट रेस्ट के चलते शरीर की सभी प्रणालियां प्रभावित होती हैं। इनमें से एक है मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम है। थकान, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों का दर्द जैसे लक्षण कोविड-19 के बाद आम है और इसका प्रसार अब लगातार बढ़ रहा है।” लंबे समय तक बिस्तर पर आराम करने से हड्डियां और मांसपेशियां पर असर पड़ता है और ये कमजोर हो सकती हैं। ऐसे हालात में मांसपेशियों की ताकत हासिल करने में कम से कम छह सप्ताह या उससे भी अधिक समय लगता है।

स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से बढ़ रही हैं परेशानियां

कोविड के इलाज में स्टेरॉयड के इस्तेमाल से परेशानी हो रही है। इसी वजह से सरकार ने नई गाइडलाइन में स्टेरॉयड की सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल की सलाह दी है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डॉक्टरों ने कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया था। इसकी वजह से कई मरीजों में शुगर का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया था और कोरोना से ठीक होने के बाद ये मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आकर मौत के शिकार हुए थे। डॉक्टर के अनुसार “स्टेरॉयड का 10-15 दिनों का एक छोटा कोर्स किसी भी समस्या का कारण नहीं बनता है, लेकिन लंबे समय तक स्टेरॉयड थेरेपी पर रहने वाले मरीजों में ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया में वृद्धि का खतरा हो सकता है।”

घर में रहकर कर सकते हैं ये उपाय

ऐसी परेशानियों का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए कुछ डॉक्टर ने कुछ घरेलू उपाय भी बताए है। हल्दी वाला दूध, देसी घी, प्रोटीन से भरपूर आहार और लहसुन खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं। ये तत्व हड्डियों के जोड़ों को चिकनाई और मजबूती प्रदान करते हैं। ग्लूकोसामाइन, करक्यूमिन जैसी कुछ दवाएं भी मदद करती हैं, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह लिए इन दवाइयों का सेवन नहीं किया जा सकता है।

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