Court News:digi desk/BHN/ग्वालियर/ हाईकोर्ट की एकल पीठ ने जमानत के अलग-अलग मामलों में में अनोखी शर्त जोड़ी है। आरोपितों को कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए आक्सीजन उपकरण व दवा खरीदने के लिए पैसे देने होंगे। 10-10 हजार रुपये जमा करने होंगे। यह पैसा रेड क्रास सोसायटी या फिर सीएम रिलीफ फंड में जमा करने होंगे। इस फंड में जो पैसा जमा होगा, उसके मेडिकल उपकरण खरीदकर अस्पताल को देने होंगे। इसके अलावा आरोपित को थाने के आसपास पौधे भी लगाने होंगे। पौधे लगाने के बाद 30 दिन में हाई कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी होगी। न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ने सामाजिक कार्य करने की इच्छा व्यक्त करने पर उसे उपरोक्त निर्देश दिए गए हैं। लेकिन उसे जमानत की शर्तों का पालन करना होगा तभी उसे जमानत का लाभ मिलेगा।
हरिओम व सूरज श्रीवास पर अलग-अलग मामलों में केस दर्ज है। उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। आरोपितों ने कोर्ट के सामाने सेवा करने की इच्छा जताई थी। इसको लेकर कोर्ट ने शर्त के साथ जमानत दी है। आरोपितो को 10-10 हजार रुपये कलेक्ट्रेट में रेडक्रास सोसायटी में जमा करने होंगे। या फिर सीएम रिलीफ फंड भी पैसा जमा कर सकते हैं। कोर्ट ने आरोपित को निर्देशित किया है कि पौधे लगाए जाने के बाद आरोपित को उनका पोषण भी करे। क्योंकि वृक्षारोपण के साथ वृक्षपोषण भी आवश्यक है। आरोपी को 6 से आठ फीट उंचे पौधे 3-4 फीट गड्ढा खोदकर लगाना होगे जिससे कि वे विकसित हो सकें। 30 दिन के बाद आरोपी को लगाए गए पौधों की फोटो के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसके बाद हर दो माह में इन पेड़ों की तब तक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी जब तक की उसका मामला न्यायालय में विचारण में होगा।
मानव जीवन की मूल भूत प्रवृत्तियां पुनर्जीवित होना जरूरी
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि यह निर्देश एक परीक्षण प्रकरण के तौर पर दिया गया है, ताकि हिंसा और बुराई के विचार का प्रतिकार, सृजन एवं प्रकृति के साथ एकाकार होने के माध्यम से सामंजस्य स्थापित किया जा सके। वर्तमान में मानव अस्तित्व के आवश्यक अंग के रूप में दया, सेवा, प्रेम एवं करूण की प्रकृति को विकसित करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह माव जीवन की मूलभूत प्रवृत्तियां है और मानव अस्तित्व को बनाए रखने के लिए इसका पुनर्जीवित होना आवश्यक है।