छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिला मलेरिया आफिस में पिछले 21 साल से एक पंप मैकेनिक पद विरुद्ध जूनियर मलेरिया इंस्पेक्टर के रूप में काम कर रहा है। जबकि मप्र शासन के गजट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि पंप मैकेनिक की पदोन्नाति नहीं हो सकती है। इस पंप मैकेनिक ने जूनियर मलेरिया इंस्पेक्टर पद पर प्रभार में रहते हुए अपनी पदोन्नाति करा ली है। इस बात की जानकारी जब स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को लगी तो अपर संचालक ने उसकी पदोन्नाति निरस्त कर मूल पद पर कार्य करने का आदेश किया। इस आदेश के विरुद्ध पंप मैकेनिक ने कोर्ट की शरण ली। अपने विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ होने के कारण पिछले ढाई साल में विभाग के अधिकारियों ने कोर्ट को कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया है इस कारण मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। पंप मैकेनिक से इंस्पेक्टर बनने से न तो अब दवा का छिड़काव हो पा रहा है और न ही खराब मशीनों को ठीक किया जा रहा है। इसके साथ ही विभाग के अन्य कर्मचारी भी उसे अधिकारी मानने को तैयार नहीं हैं।
पदोन्नति हुई ही नहीं फिर भी कर रहे काम
आरटीआइ कार्यकर्ता सत्यनिधि त्रिपाठी ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त किए दस्तावेजों में मलेरिया विभाग में गड़बड़ी का एक बड़ा पर्दाफाश हुआ है। सीएमएचओ आफिस में संचालित मलेरिया आफिस में पिछले 21 साल से एक पंप मैकेनिक के भरोसे चल रहा है। इस पद पर दिनेश कुमार पटैरिया वर्ष 1993 में पंप मैकेनिक पद पर पदस्थ हुए थे। कांग्रेस शासन काल में वर्ष 1999 में अपनी पहुंच और राजनीतिक रसूख के चलते छतरपुर में रिक्त जूनियर मलेरिया इंस्पेक्टर का प्रभार ले लिया। प्रभार में रहते हुए दिनेश कुमार पटैरिया ने 01 मार्च 1999 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजा पटैरिया को अपनी स्वयं की पदोन्नति के लिए पत्र लिखा। इस पत्र पर नियम विरुद्ध तरीके से तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजा पटैरिया ने अनुशंसा कर दी।
इस अनुशंसा के आधार पर 10 मार्च 1999 को तत्कालीन संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने पंप मैकेनिक दिनेश कुमार पटैरिया को अस्थाई रूप से छतरपुर में रिक्त जूनियर मलेरिया इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त दे दी, लेकिन तत्कालीन संयुक्त संचालक ने इस आदेश में स्पष्ट लिखा है कि इस आदेश के द्वारा दिनेश कुमार पटैरिया का न तो पद परिवर्तन किया जा रहा है और न ही पदोन्नति की जा रही है। इस तरह से इस गोलमोल भाषा वाले आदेश के आधार पर दिनेश कुमार पटैरिया पंप मैकेनिक पिछले 21 साल से जूनियर मलेरिया इंस्पेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं।