Surya Grahan Timings: digi desk/BHN/ साल का पहला सूर्यग्रहण शुरू हो चुका है। आर्यभटट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ सौर विज्ञानी डॉ. वहाबउददीन के अनुसार यह सूर्यग्रहण उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। कनाडा, यूरोप रूस, ग्रीनलैंड, उत्तरी एशिया व उत्तरी अमेरिका में ग्रहण नजर आएगा। भारत में अरूणाचल प्रदेश व लददाख के सीमावर्ती क्षेत्रों का स्पर्श कर आगे निकल जाएगा। सूर्यग्रहण दोपहर 1.42 बजे शुरू होकर 6.41 बजे तक रहेगा। इस दुर्लभ खगोलीय घटना में रिंग आफ फायर यानी सूर्य आग के छल्ले में लिपटा हुआ नजर आएगा। गुरुवार को शनि जयंती और वट सावित्रि व्रत भी है। इस कारण भी यह दिन बहुत खास हो गया है।
सूर्यग्रहण भारत में नजर आएगा या नहीं
NASA के मुताबिक,सूर्य ग्रहण भारत में सिर्फ लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दिखाई देगा। यानी देश के बाकी हिस्से में सूतक के नियम लागू नहीं होंगे। इस दौरान सूर्य वलयाकार दिखेगा. ‘रिंग ऑफ़ फ़ायर’ या ‘आग के छल्ले’ का दीदार किया जा सकेगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आते हैं।
हर साल सूर्य ग्रहण कम से कम 2 बार या फिर अधिकतम 5 बार ही लगता है। बहुत ही कम मामले में ऐसा होता है कि सूर्य ग्रहण की स्थिति अलग हो वरना आमतौर पर हर सूर्य ग्रहण में एक जैसी ही स्थितियां पैदा होती हैं।
तिथि काल गणना के अनुसार 148 साल बाद ऐसा मौका आया है, जब शनि जयंती के दिन सूर्यग्रहण भी लगेगा। चंद्रग्रहण की तरह साल का पहला सूर्यग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव और शनि के पिता हैं और दोनों में काफी मतभेद और अलगाव हैं।
यह ग्रहण ‘रिंग ऑफ फायर’ या वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। इसका मतलब है कि ग्रहण के समय कुछ हिस्सों में रिंग ऑफ फायर दिखाई देगी।धार्मिक मान्यताओं के अलावा वैज्ञानिकों का भी मानना है कि सूर्य ग्रहण के शरीर पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं। अतः हमें इस काल में कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।