Death of girl child:digi desk/BHN/ जोधपुर/ जालौर जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र में एक 6 वर्षीय बच्ची की पानी नहीं मिलने के कारण से मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक रानीवाड़ा तहसील अंतर्गत डूंगरी निवासी सुखीदेवी का सिरोही जिले के मंडार के समीप पीहर है। वापस लौटते वक्त 6 वर्षीय मासूम बच्ची भी अपनी नानी के साथ निकल पड़ी। जाने का कोई साधन नहीं मिला, तो दोनों पैदल ही बढ़ते रहे। लेकिन रास्ते में अत्यधिक गर्मी और रेत के टीलों के बीच पानी नहीं मिलने के कारण बालिका ने दम तोड़ दिया, वही बच्ची की वृद्ध नानी भी बेहोश हो गई। वहां से गुजर रहे एक चरवाहे की नजर उन पड़ी, तो उसने पुलिस को इत्तला दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने नानी को पानी पिलाया और दोनों को अस्पताल पहुचाया, लेकिन तब तक छ वर्षीय बच्ची अंजली प्यास की वजह से दम तोड़ चुकी थी।
मंगलवार को इसी मामले को उठाते हुए शेखावत ने कहा कि राजस्थानवासियों के लिए इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी? एक ओर जल जीवन मिशन के तहत देशभर के करोड़ों परिवारों तक नल से जल पहुंचे और दूसरी ओर राजस्थान में प्यास के कारण एक बच्ची की मृत्यु हो जाए? प्रश्न है कि गहलोत सरकार ने जल जीवन मिशन में मिली राशि का उपयोग क्यों नहीं किया? प्रश्न है कि, गहलोत सरकार जल जीवन मिशन को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही? उन्होंने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में नल कनेक्शन देने के मामले में राजस्थान, देश के 33 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 29वें स्थान पर है।
पानी के अभाव में हुई इस मौत पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि अपनी राजनीति के लिए लोगों को जल जैसे मूल संसाधन से वंचित रखना घोर पाप है। प्यास से 6 साल की बच्ची की मृत्यु राजनीति के मापदंड से भी अमानवीय है। ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद दुखदायी है। मैं प्रभु से उस छोटी बच्ची की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।