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मध्‍य प्रदेश में पांचवीं से 12वीं तक के बच्चों को खुश रखेगी आनंद सभा, जानिये क्‍या है यह योजना

Anand sabha will keep children from class 5th to 12 th happy in corona period: digi desk/BHN/भोपाल/ कोरोना की पहली और दूसरी लहर से हर वर्ग प्रभावित रहा। स्कूल बंद रहने और बाहर आने-जाने पर बंदिश से बच्चों पर भी विपरीत असर पड़ा है। वे मानसिक तौर पर परेशान हैं। इससे उन्हें मुक्त करने का जिम्मा मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य आनंद संस्थान को दिया है। संस्थान सरकारी स्कूलों में पांचवीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए आनंद सभा आयोजित करेगा। इसमें बच्चों को तनाव मुक्त होकर बेहतर परिणाम हासिल करने के बारे में बताया जाएगा। यह भी बताएंगे कि दूसरों की मदद करके उन्हें कितना आनंद मिलेगा।

बतौर पायलट प्रोजेक्ट नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए कटनी, छतरपुर सहित कुछ जिलों में आनंद सभा आयोजित की जा चुकी है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इसे विस्तार देने का निर्णय लिया है। राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश अर्गल का कहना है आनंद सभा का मकसद बच्चों में आत्मविश्वास जगाना है। प्रतियोगी परीक्षाओं का दबाव बच्चों पर रहता है।

कोरोना संक्रमण के कारण दो शिक्षा सत्र प्रभावित हुए हैं। वहीं, परीक्षा परिणाम आने के बाद जिस तरह बच्चे आत्मघाती कदम उठाते हैं, उसे देखते हुए ऐसा कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया था, जिससे सकारात्मक माहौल बने। इसे ध्यान में रख आनंद सभा का कार्यक्रम तैयार किया है। सभा का आयोजन प्रति शनिवार एक से डेढ़ घंटे किया जाएगा। इसमें स्कूल के प्रशिक्षित शिक्षक बच्चोें को जीवन जीने की कला कहानियों के माध्यम से सिखाएंगे। इसके लिए 11 अध्याय तैयार किए गए हैं।

मकसद है बच्चे असफलता से सीख लें, दूसरों में अच्छाई खोजें, मदद करें, अनावश्यक चिंता न पालें और सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। स्कूल खुलते ही आनंद सभा का आयोजन धीरे-धीरे पूूरे प्रदेश में किया जाएगा। अभी कक्षा नौंवी से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए कार्यक्रम बनाया था पर अब इसका विस्तार पांचवीं कक्षा तक किया जाएगा।

तीन हजार शिक्षक प्रशिक्षित

आनंद सभा के लिए प्रदेश में तीन हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इनमें से छतरपुर के कुछ शिक्षकों ने कोरोनाकाल में 40 से 60 बच्चों के समूह बनाकर आनलाइन आनंद सभा भी की है। इसके पहले लगभग सौ स्कूलों में सभा का आयोजन किया जा चुका है।

आनंद सभा के 11 अध्याय

मदद करना, क्षमा करना, क्षमा मांगना, कृतज्ञता की शक्ति, दूसरों में अच्छाई देखना, स्वीकारिता का महत्व, ध्यान की शक्ति, संकल्प की शक्ति, दृष्टिकोण का महत्व, चिंता का कोई लाभ नहीं और आत्म विश्वास।

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