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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘‘अंकुर अभियान’’ कार्यक्रम का वीडियो कांफ्रेंस से किया शुभारंभ

सतना/भोपाल,भास्कर हिंदी न्यूज़/  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘‘अंकुर अभियान’’ कार्यक्रम का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जन-जन के सहयोग से प्रदेश के हरित क्षेत्र में वृद्धि कर पर्यावरण को स्वच्छ और प्रकृति को प्राणवायु से समृद्ध करने के उद्देश्य से अंकुर कार्यक्रम आरंभ किया गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण के लिए जन-सामान्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पौधा लगाने वाले चयनित विजेताओं को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर सतना कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी केपी सोनी, जिला समन्यवयक जन अभियान परिषद डॉ राजेश तिवारी, वालेंटियर आकाश कुमार तिवारी एवं विनय प्रताप विश्वकर्मा उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगर वृक्षारोपण नहीं किया गया और पेड़ नहीं बचाये गए तो आने वाली पीढ़ी का धरती पर रहना मुश्किल होगा। उन्होने कहा कि एक प्रौढ़ वृक्ष वर्षा ऋतु में लाखों लीटर पानी सोखता हैं तथा वर्षा समाप्त होने पर यहीं वृक्ष की जड़े एक-एक बूंद पानी छोड़ती है, जिससे नदियों की धार बनती है। इसलिए हर व्यक्ति को पेड़ लगाना चाहिए और उन्हें संरक्षण देकर बड़ा करना चाहिए। हर व्यक्ति हर साल एक पेड़ जरूर लगायें और अगर इस दिन समय न मिले तो वह अपने माता-पिता की स्मृति दिवस पर एक-एक पौधा जरूर रोपे और उसको संरक्षण दें। वह बड़ा होकर वृक्ष बनेगा और प्राण वायु देगा। यह कार्य सभी शैक्षणिक संस्थाएं और प्रायवेट संस्थाएं करें, जिससे पर्यावरण ठीक होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब भवन निर्माण की अनुमति के साथ-साथ वृक्ष लगाने के लिए भी आदेशित किया जायेगा। साथ ही हर व्यक्ति को जिन्होंने प्रधानमंत्री योजना अंतर्गत मकान निर्माण किया है, वह अपने घर के सामने, बगल में एक-एक वृक्ष अवश्य लगायें। जो भी व्यक्ति संस्था अधिक से अधिक पेड़ लगायेंगे उन्हें आने वाले वर्ष से प्राण वायु अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति से उतना लो जितना उसकी भरपाई प्रकृति स्वयं कर सके। अगर वृक्ष को काटोंगे तो पर्यावरण जरूर बिगड़ेगा, इसलिए वृक्ष नहीं काटे उनका संरक्षण करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस दौरान सभी से अपील की है कि वे वायु दूत एप के माध्यम से पंजीयन करायें तथा वृक्ष लगाकर एप पर अपलोड करें।

कार्यक्रम में कई प्रतिभागी ‘वायुदूत एप’ के माध्यम से भी शामिल हुये। कार्यक्रम में भाग लेने वाले व्यक्ति ने स्वयं के संसाधन से कम से कम एक पौधा लगाकर, पौधे की फोटो एप के माध्यम से लेकर अपलोड किया। पौधा लगाने के तीस दिन बाद फिर से पौधे की नई फोटो एप पर अपलोड कर सहभागिता प्रमाण-पत्र डाउनलोड किया जा सकेगा। जिलेवार चयनित विजेताओं को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा, जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किया जायेगा। अंकुर कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एपको) नोडल एजेंसी बनाया गया है। जिला कलेक्टर इस कार्य के लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारी को जिला नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। जिला नोडल अधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार स्थानीय वेरिफायर का नामांकन कर ‘‘वायुदूत एप’’ में उनकी प्रवृष्टि की जायेगी।

जिले में जन-अभियान परिषद के स्वयंसेवक, महाविद्यालयों के ईको क्लब प्रभारी तथा राष्ट्रीय हरित कोर योजना के मास्टर ट्रेनर में से वेरिफायर नामांकित किये जायेंगे। जिला स्तर पर कुल प्राप्त प्रविष्टियों का 10 प्रतिशत अथवा 200 जो भी कम हो का रेंडम आधार पर जिला स्तर पर वेरिफायर्स से सत्यापन किया जायेगा। जिला स्तर पर कुल प्राप्त हुई प्रविष्टियों में से कम्प्यूटराइज लाटरी द्वारा विजेताओं का चयन होगा। विजेताओं की सूची ‘वायुदूत एप’ में अपलोड होगी।

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