सतना जिले की वालेंटियर कीर्ति दुबे से मुख्यमंत्री ने किया संवाद
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के कोरोना वालेंटियर्स से संवाद तथा जन अभियान परिषद को संबोधित किया। सतना सहित प्रदेश के चयनित जिलों के मैं कोरोना वालेंटियर अभियान के वालेंटियरों से चर्चा करतें हुये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उनके अनुभव को जाना। इस मौके पर सतना कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक डॉ. राजेश तिवारी, विकासखण्ड समन्वयक रामपुर बघेलान ममता सिंह, उचेहरा के विश्वनाथ रैदास, अमरपाटन के अरूण सिंह के साथ कोरोना वालेंटियर कीर्ति दुबे, नारायण कुशवाहा, आकाश कुमार तिवारी, श्रृद्धा दुबे, अंकित शर्मा, हर्षदीप गौतम, विनय प्रताप विश्वकर्मा, ललित विश्वकर्मा उपस्थित रहे।
सतना जिले की कोरोना वालेंटियर कीर्ति दुबे सहित प्रदेश भर के अन्य वालेंटियरों के अनुभव को ध्यान से सुननें के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान नें कहा कि इस संकटकाल में मैं और आप जैसे स्वयं-सेवियों के कार्य देखकर अत्यंत अभिभूत हूं। अद्भुत परिश्रम और सेवा भावना से वार्डो और ग्राम पंचायतों में बनी क्राइसेस कमेटी और ‘‘मैं कोरोना वालेंटियर अभियान’’ से जुड़कर विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, प्रस्फुटन समितियों, बी.एस.डब्ल्यू. के छात्रों, परामर्शदाताओं, एन.एस.एस. और एन.सी.सी. के युवाओं के सहयोग से हमनें प्रदेश में कोरोना की बढ़ती हुई रफ्तार को रोक दिया है। आज प्रदेश में पॉजीटिव केस को औसत मात्र एक प्रतिशत रह गया है। भविष्य में हम सभी वालेंटियर प्रशासन के सहयोग से इसे शून्य पर लाकर ही दम लेगें। मुख्यमंत्री श्री चौहान नें अपनें उद्बोधन में तुलसीदास जी की चौपाई का उल्लेख करते हुये कहा कि अपनें लिये तो सब जीते हैं, लेकिन जो दूसरों के लिये जिये सच्ची मानवता वही है।
कोरोना वॉलेंटियर्स को प्रमाण-पत्र प्रदान किये जायेंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना वालेंटियर्स तथा जन-अभियान परिषद के जिला समन्वयकों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी धर्मों में पीड़ित व्यक्ति की मदद को सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। कोरोना की आपदा सदियों में आया भयानक संकट है। ऐसे में पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अपनी जान को खतरे में डालते हुए आगे आये वॉलेंटियर्स के समर्पण और कर्मठता को देखकर मैं अभिभूत हूँ। कोरोना वालेंटियर्स को 15 अगस्त और 26 जनवरी को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।
स्वयं का उदाहरण देते हुये उन्होनें कहा कि मैने स्वयं दूसरी लहर की गंभीरता को समझते हुये भोपाल की सड़कों पर लोगों को रोको-टोको अभियान के माध्यम से मास्क लगानें हेतु विनती की उन्हें जागरूक किया। स्वास्थ्य आग्रह में एक दिवस का सत्याग्रह कर मैनें पूरे प्रदेश के समाजसेवियों को इस महामारी से प्रदेश को बचानें हेतु सहायता का आव्हान किया। जन अभियान परिषद के माध्यम से प्रदेश में 1 लाख 25 हजार वालेंटियरों नें स्वयं का पंजीयन कराया और औसतन प्रदेश में 60 हजार वालेंटियर प्रतिदिन सक्रिय होकर मास्क वितरण, वैक्सीनेशन में सहयोग, रोको-टोको अभियान, दीवार लेखन, सोशल डिस्टेन्सिंग, भोजन वितरण, सर्वे कार्य में सहयोग सहित विभिन्न गतिविधियों में अपनें सामर्थ और रूचि अनुसार सहयोग कर रहे हैं। श्री चौहान नें कहा कि आज भारत नहीं पूरी दुनिया में मध्यप्रदेश के जनभागीदारी के इस मॉडल की प्रशंसा हो रही है उसका पूरा श्रेय जिला प्रशासन, जन अभियान परिषद से जुड़े वालेंटियर, वार्ड, ग्राम पंचायत, विकासखण्ड एवं जिला स्तर पर गठित क्राइसेस समिति के सेवाभावी और प्रभावी सदस्यों को जाता है, जिनके कठिन परिश्रम और सतर्कता से हम अपनें प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव को कम कर सके।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना नियंत्रण में है पर अभी चुनौती खत्म नहीं हुई है। कोरोना अनुकूल व्यवहार के पालन के लिए लोगों को जागरूक करना और उसका पालन सुनिश्चित कराना बड़ा दायित्व है। यह कोरोना वॉलेंटियर्स के बिना संभव नहीं होगा। वालेंटियर्स को अपने गाँव, वार्ड की जिम्मेदारी लेनी होगी। टेस्टिंग,कांटेक्ट ट्रेसिंग, किल कोरोना अभियान लगातार चलते रहेंगे। इन गतिविधियों से ही हम तीसरी लहर को रोक पायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ‘‘सागर की अपनी क्षमता लेकिन मानव भी कब थकता है’’ की पंक्तियों से कोरोना वालेंटियर्स को निरंतर सक्रिय रहने की प्रेरणा दी।
1 लाख 19 हजार से अधिक हैं कोरोना वॉलेंटियर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सतना, सिंगरौली, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, शहडोल, ग्वालियर और भोपाल के कोरोना वॉलेंटियर्स से वर्चुअली बातचीत भी की। ‘‘मैं कोरोना वॉलेंटियर’’ अभियान से अब तक 1 लाख 19 हजार 730 से अधिक व्यक्ति जुड़े हैं। इनमें से लगभग 61 हजार से अधिक वालेंटियर्स ने वैक्सीनेशन समन्वयक, चिकित्सा सुविधा समन्वयक, मास्क जागरूकता समन्वयक, मोहल्ला टोली संगठन समन्वयक और दान श्रेणी के अंतर्गत प्रतिदिन सक्रिय रहते हुए अपना योगदान दिया।