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Amarkantak: अमरकंटक में मां नर्मदा मंदिर के खुले कपाट

अनूपपुर/अमरकंटक, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कोरोना संक्रमण की वजह से बंद किए गए पवित्र नगरी अमरकंटक में मां नर्मदा मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुल गए हैं। करीब 50 दिन बाद अब यहां फिर से नर्मदे हर-हर की गूंज सुनाई देगी है। मंदिर के कपाट अभी केवल पूजा के समय खुला करते थे अब श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए भी खोले जा रहे हैं।

शर्तों के साथ छूट 

नर्मदा दर्शन की छूट नियम शर्तों के साथ दी गई है। जिससे लोगों में खुशी का माहौल है खासकर दुकानदारों ने राहत की सांस ली है। धीरे- धीरे मंदिर में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया है और दुकान में भी खरीद बिक्री शुरू हो गई है। पिछले डेढ़ माह से पवित्र नगरी अमरकंटक में सन्‍नाटा पसरा हुआ था। संक्रमण की दर कम होने से चहल- पहल शुरू हो गई है। नर्मदा उदगम स्‍थल तथा पर्यावरण के आकर्षण से देश के विभिन्न प्रांतों से लोग हर रोज बड़ी संख्या में आया करते हैं। परंतु कोरोना संक्रमण की वजह से लोग अपने घरों में कैद हो गए। 16 अप्रैल के बाद से अमरकंटक में जनता कर्फ्यू लगाया गया था। अब मां नर्मदा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है।

चार श्रद्धालुओं को मिलेगा प्रवेश

कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए मंदिर में दर्शन के लिए सिर्फ चार श्रद्धालुओं को एक समय में प्रवेश दिया जा रहा है। उनके दर्शन उपरांत ही फिर चार दूसरे श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश कर दर्शन लाभ प्राप्त करने का अवसर दिया जा रहा है।

प्रांगण के अंदर 22 मंदिर

नर्मदा मंदिर प्रांगण के अंदर 22 मंदिर हैं जिस पर भी एक समय में चार श्रद्धालु सामाजिक दूरी बनाकर दर्शन कर सकेंगे। कोविड-19 नियमानुसार मुंह पर मास्क, शारीरिक दूरी, थर्मल स्कैनिंग,सैनिटाजेशन के के बाद ही मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति प्राप्त होगी मंदिर के बाहर वृत आकार गोला बना हुआ है। श्रद्धालु एक -एक कर मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे। मंदिर में नारियल ,प्रसाद, चुनरी सहित अन्य सामग्री ले जाना फिलहाल वर्जित है। मंदिर गेट पर ही पूजा सामग्री चढ़ाने व नारियल फोड़ने का आदेश है।

 गांधी कुंड बंद रहेगा

मंदिर के पुजारी किसी भी प्रकार से रक्षा सूत्र बंधन व तिलक नहीं करेंगे। श्रद्धालु धार्मिक ग्रंथ, मूर्ति स्पर्श नहीं करेंगे। किसी भी प्रकार का जल आचमन, प्रसाद, चावल, फल- फूल, बेल पत्री इत्यादि का छिड़काव मंदिर में नहीं करेंगे मूर्तियों पर नगद चढ़ाना मना है। चढ़ोत्तरी डिजिटल पेमेंट या दान पेटी में दान कर सकेंगे। आष्टा कढ़ाई प्रसाद हेतु टिकट घर से टिकट लेकर प्रसाद वितरण समय अनुसार शारीरिक दूरियों का पालन करते हुए प्रसाद ले सकेंगे। धार्मिक स्थान में घंटी बजाना रेलिंग स्पर्श करना मना है साथ ही अधिक भीड़ बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित होने की अनुमति नहीं है। स्नान हेतु गांधी कुंड अभी फिलहाल बंद रखा गया है।

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