Monday , October 7 2024
Breaking News

सोयाबीन की बोनी के लिए कृषकों के लिए उपयोगी सलाह

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कृषि विभाग द्वारा किसानों को खरीफ फसल के संबंध में उपयोगी सलाह जारी की गई है। जिसके अनुसार वर्षा के आगमन पश्चात पर्याप्त वर्षा यानी 4 इंच वर्षा होने पर ही सोयाबीन की बुवाई का कार्य करे मध्य जून से जूलाई का प्रथम सप्ताह बुबाई के लिये उपयुक्त है। सोयाबीन की बोवनी हेतु न्यूनतम 70 प्रतिशत अंकुरण के आधार पर उपयुक्त बीज दर का ही उपयोग करें। बीज के अंकुरण परीक्षण हेतु 100 दाने लेकर गीले टाट के बोरे या अखबार में रखकर घर पर ही कृषक बीज की औसत अंकुरण क्षमता ज्ञात कर सकते हैं। 70 प्रतिशत से कम अंकुरण क्षमता होने पर 20 से 25 प्रतिशत अधिक बीज दर का उपयोग करना चाहिये।

सोयाबीन की बुवाई बी.बी.एफ. (चौड़ी क्यारी पद्धति) या रिज-फरो (कूड मेड पद्धति) से ही करें, जिससे सूखा या अतिवर्षा के दौरान उत्पादन प्रभावित नही होता हैं। बुआई की इन विधियों से बीज दर भी कम लगती हैं। सोयाबीन की जे.एस 20-69, जे.एस 20-34, जे.एस 95-60, आर.व्ही.एस 2001-4, जे.एस 93-05 उन्नत किस्मों का बीज बीज निगम एवं नेशनल सीड कार्पोरेशन या पंजीकृत बीज विक्रेताओ से क्रय कर ही बोनी करें। जिन कृषकों के पास सोयाबीन का बीज रखा है उसकी ग्रेडिंग स्पाईरल ग्रेडर से कर स्वस्थ व साबूत दानों को बीज के रूप में उपयोग करें। सोयाबीन की बीज दर 75 से 80 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। ज्यादा बीज दर रखने से कीट रोग एवं अफलन की समस्या आती हैं। एक हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 4.50 लाख पौधो की संख्या होनी चाहिये। कतार से कतार की दूरी कम कम 14 से 18 इंच के आसपास रखे। बोवनी के समय बीज को अनुशंसित फफूंदनाशक थायरम कार्बोक्सिन (3 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज) अथवा थायरम कारबेन्डाजिम (3 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज) अथवा ट्रायकोडर्मा 10 ग्राम प्रति कि.ग्रा.बीज पेनफलूफेन ट्रायक्लोक्सिस्ट्रोविन (1 मि.ली. प्रति कि.ग्रा. बीज) की दर से बीज उपचार करें। तत्पश्चात जैविक कल्चर ब्रेडीराइजोबियम जपोनीकम एवं स्फूर घोलक जीवाणु दोनो प्रत्येक 5-5 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से बीज उपचार करें।
पीला मौजेक बीमारी की रोकथाम हेतु कीटनाशक थायोमिथाक्सम 30 एफ. एस.(10 मिली प्रति कि.ग्रा. बीज) से उपचार करने हेतु क्रय सुनिश्चित कर लें। खेत की अंतिम बखरनी के पूर्व अनुशंसित गोबर की खाद 10 टन प्रति हेक्टेयर की दर से डालकर खेत में फैला दें। सोयाबीन की बुआई यदि डबल पेटी सीडकम फर्टिलाईजर सीडड्रिल से करते हैं तो बहुत अच्छा हैं। जिससे उर्वरक एवं बीज अलग अलग रहता हैं। जिससे उर्वरक बीज के नीचे गिरता हैं तो लगभग 80 प्रतिशत उर्वरक का उपयोग हो जाता हैं। नाईट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश एवं सल्फर की मात्रा क्रमशः 20ः60ः30ः20 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर के मान से उपयोग करें।

 

फसल ऋण राशि 30 जून तक किसान कर सकेंगे जमा- श्री पटेल

किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फसल ऋण वसूली को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 30 जून तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि पहले भी फसल ऋण वसूली की तारीख को आगे बढ़ाया गया है।

श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश की सरकार किसानों की सरकार है। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इसी संवेदनशीलता के साथ मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तीसरी बार फसल ऋण की राशि को जमा कराने की तारीख को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि पहले ऋण की राशि को जमा करने की तारीख 31 मार्च थी, जिसे बढ़ा कर 30 अप्रैल, उसके बाद 31 मई और अब 30 जून कर दिया गया हैं। श्री पटेल ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश के किसानों को राहत मिलेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान का प्रदेश के किसानों की तरफ से आभार व्यक्त किया है।

प्रति बोरी डीएपी खाद का मूल्य 1200 रूपये निर्धारित

प्रदेश में खरीफ सीजन 2021 के न्यूट्रीयेन्ट बेस्ड सब्सिडी (एनबीएस) के अंतर्गत डीएपी में सब्सिडी पुनः निर्धारित कर प्रति बोरी कीमत 1200 रूपये निर्धारित की गई है। प्रबंध संचालक श्री नरहरि ने बताया कि प्रदेश में पूर्व में प्राप्त खाद की जिन बोरियों पर एमआरपी 1900 रूपये एवं 1700 रूपये अंकित है, भारत शासन के आदेशानुसार कृषकों को 1200 रूपये प्रति बोरी की दर से विक्रय की जायेगी।

 

About rishi pandit

Check Also

Yuvraj Singh का 2007 वर्ल्ड कप को लेकर बड़ा खुलासा, MS Dhoni ने एक सपने को तोड़ा

Yuvraj singh big disclosure about 2007 world cup: digi desk/BHN/ भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *