Centre vs Bengal: digi desk/BHN/ केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल के बीच तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा खबर यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग में 30 मिनट देरी से पहुंचने वाले राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली तलब किया गया था और उन्हें 31 मई को सुबह 10 बजे दिल्ली में रिपोर्टिंग करना थी, लेकिन वे दिल्ली नहीं पहुंचे। ठीक इसी समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर अधिकारी के ट्रांसफर पर हैरानी जताई। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी विवाद में कूद पड़े हैं। केजरीवाल का कहना है कि इस पर केंद्र सरकार को राज्यों से विवाद नहीं करना चाहिए। यह वक्त एक टीम की तरह काम करने का है। वहीं बड़ी खबर यह भी है कि केंद्र सरकार ने अलापन बंद्योपाध्याय पर आगे कोई कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है।
इससे पहले शनिवार को मीडिया से मुखातिब ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार न सिर्फ मुझे बल्कि मेरे सचिवालय को भी परेशान करने की कोशिश कर रही है। उसकी मुझसे नाराजगी हो सकती है लेकिन मेरे अधिकारियों का इस तरह से अपमान न करें। गत 24 तारीख को बतौर मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल बढ़ाने का आवेदन मंजूर किया गया था और अब अचानक राज्य सरकार से सलाह-मशविरा किए बिना यह कदम उठाया गया है।
मैं प्रधानमंत्री के पैर भी छू सकती हूं
ममता ने कहा कि मेरे लिए सबसे पहले बंगाल है। बंगाल के लोगों की भलाई के लिए मैं प्रधानमंत्री के पैर भी छू सकती हूं इसलिए बंगाल को लेकर गंदी राजनीति न की जाए।