सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना में पीपीई किट डिस्पोजल में बड़ा घोटाला सामने आया है। जिस पीपीई किट को एक बार उपयोग कर सुरक्षित नष्ट करने का नियम है उसे सतना में गर्म पानी से धोकर दोबारा सप्लाई की जा रही है। जिले में आपदा के दौरान डराने वाला वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसके बाद प्रशासन की टीम सक्रिय हो गई हैं और जांच के आदेश दिए गए हैं। दरअसल बड़खेरा बायोवेस्ट डिस्पोजल प्लांट में सिंगल यूज पीपीई किट को गर्म पानी में धोकर बंडल बनाकर कबाड़ी के माध्यम से सतना और भोपाल के खुले बाजार में दोबारा पीपीई किट तौर पर बेचा जा रहा है। यह वीडियो जब वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया है। मौके पर एसडीएम और पुलिस बल मौके पर पहुंचा है जिसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं इस मामले में एसडीएम राजेश शाही ने मौके का निरीक्षण कर जांच की है एसडीएम का कहना है कि जांच के आधार पर जल्द ही फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पीपीई किट, ग्लब्स और मास्क को नष्ट करने के लिए भेजा जाता है प्लांट
शासन की गाइडलाइन के अनुसार पीपीई किट ग्लब्स और मास्क को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने के लिए बड़खेरा में इंडो वाटर बायोवेस्ट डिस्पोजल प्लांट में भेजा जाता है, लेकिन प्लांट में ऐसा नहीं किया जा रहा है। यहां लगे कर्मचारी प्लांट प्रबंधन के इशारे पर पीपीई किट को गर्म पानी से धोकर बाकायदा अलग बंडल बनाकर रख देते हैं। इसके बाद गोपनीय तरीके से बेच दिया जाता है। देर रात एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ जो बुधवार को भी जारी रहा। जांच पड़ताल में पता चला कि बड़खेरा गांव का एक स्थानीय युवक चोरी-छिपे बायोवेस्ट डिस्पोजल प्लांट के अंदर चल रही करतूत को स्पष्ट रूप से दिखा रहा है। पीपीई किट और ग्लब्स के अलग-अलग बंडल बनकर तैयार है। जिसको बाकायदा एक टब में गर्म पानी डालने के बाद धोकर सुखाया जाता है। इसके बाद प्लांट के अंदर काम कर रहे मजदूर बंडल तैयार करते हैं। जो कि नए बंडल की तरह दिखने लगता है। साथ ही बंडल बनाते समय कलर का भी ध्यान दिया जाता है।
वेस्ट डिस्पोजल के रखरखाव व देखरेख की इनकी है जिम्मेदारी
बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट के रखरखाव व देखरेख की तीन विभागों की जिम्मेदारी होती है। बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट के रखरखाव व देखरेख की जिम्मेदारी प्रदूषण विभाग व जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग की होती है लेकिन किसी भी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कभी भी मौके पर नहीं जाते ऐसे में बायोवेस्ट एजेंसी मनमानी तरीके से कार्य कर रही है।
यह हैं नियम
कोरोना काल में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार पीपीई किट ग्लब्स और मास्क को एक बार ही इस्तेमाल करना है। साथ ही इनको सार्वजनिक जगह पर नहीं फेंकना बल्कि वैज्ञानिक तरीके से बायोवेस्ट डिस्पोजल प्लांट में नष्ट कराने का प्रावधान है। लेकिन सतना में नियमों को ताक में रखते हुए लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।
कई बार हुई है फैक्ट्री की शिकायत
बड़खेरा पोस्ट भटनवारा जिला सतना में इंडो वाटर मैनेजमेंट एवं पॉल्यूशन कंट्रोल कारपोरेशन नाम से मालिक अमोल मोहने का प्लांट बस्ती में स्थित है। विगत वर्षों से प्लांट के लापरवाहीपूर्वक संचालन की शिकायत संबंधित विभाग में की जा रही हैं लेकिन सुधार के नाम पर समय लेकर मामले को दबा दिया जाता है। आज तक कोई सुधार नहीं हो सका। वर्तमान में स्थिति बेहद चिंताजनक व खराब हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे 24 घंटे 7 दिन कचड़ा, धुआं व दुर्गंध निकलती है। इंसुलेटर सही ना होने की वजह से कचरा खुले में जला दिया जाता है। दुर्गंध व धुएं की वजह से घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। सांस लेने में तकलीफ, बेहोश होना, उल्टियां, आंखों में जलन, बेचैनी जैसी समस्या बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि यहां प्रदूषण विभाग के अधिकारी को भी प्रतिदिन का वीडियो फोटो भेजा जाता है लेकिन अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती व शिकायत ना करने का दबाव बनाया जाता है। प्लांट के बगल से आदिवासी बस्ती मध्य प्रदेश शासन का गौशाला, शासकीय माध्यमिक विद्यालय तथा आवासीय क्षेत्र स्थित है। ग्रामीणों द्वारा प्रदूषण के विरोध में धरना प्रदर्शन व आंदोलन किया जाता रहा है।