कटनी,भास्कर हिंदी न्यूज़/ माता जी आप ठीक हो जाएंगी। आपको कुछ नहीं होगा। दादा जी अरे वाह! आपका आक्सीजन लेवल तो बढ़िया हो गया। आप बहुत जल्दी अच्छे होने वाले हैं। ये उन युवाओं के शब्द हैं जो पीपीपी किट व कोरोना संक्रमण से बचाव के अन्य उपायों के साथ कोरोना मरीजों को जिंदगी में लौटाने का प्रयास कर रहे हैं।
आज कोरोना काल में ऐसी खबरें आ रही हैं जब बीमारी के डर से लोग अपने लोगों के शव लेने से भी इंकार कर रहे हैं। ऐसे में कटनी में कुछ युवाओं का समूह कोरोना मरीजों के पास जाकर उन्हें मानसिक संबल दे रहा है। कटनी के दोस्तों का समूह फ्रेंड्स स्टूडियो मानवता की फिल्म गढ़ रहा है।
ये युवा हैं वंदित मलिक, शिवाषीष गुप्ता और श्रीकांत बिचपुरिया। 22 वर्षीय वंदित अमेरिका में कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं। वे सेनफ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया से मार्च 2020 में लौट आए। 22 वर्षीय शिवाषीश इंदौर से एमबीए कर रहे हैं और 22 वर्षीय श्रीकांत यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। इनके अलावा साहिल सोनी, आयुष सरावगी, भव्य सरावगी, संदीप हिंदुजा, हर्ष वाधवानी, शुभम धुर्वे भी इनके साथ काम कर रहे हैं।
ऐसे हुई शुरुआत
ग्रुप के फाउंडर सदस्य वंदित मलिक ने बताया कि उनका समूह 2016 से कार्य कर रहा है। ग्रुप की स्थापना तब हुई जब वह दसवीं पढ़ते थे। उस समय वह किसी कार्य से स्टेशन के पीछे कोरी मोहल्ले गए थे। यहां की गरीबी और अशिक्षा ने दिल में पीड़ा दी। यहीं से मदद करने की चाह जागी। शहर के जिम्मेदार प्रतिनिधियों को कोरी मोहल्ले की स्थितियां दिखाईं गईं। आनलाइन प्लेट फार्म इंस्ट्राग्राम, फेसबुक व यूट्यूब में यहां बदहाली के वीडियो डाले गए। मदद में हाथ उठे। बदलाव आया। इसी बात ने न सिर्फ प्रेरणा दी बल्कि खुशी भी दी। पिछले वर्ष कोविड में मवेशी व जानवरों को 5 क्विंटल अनाज व 7 क्विंटल सब्जियां बांटी गई।