Tuesday , May 6 2025
Breaking News

मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण भारत की बड़ी सफलता, विपक्षी नेता की तारीफ

नई दिल्ली
मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण हो गया है। इसे भारत सरकार अपनी बड़ी कामयाबी मान रही है तो वहीं विपक्ष ने भी इसकी सराहना की है। शरद पवार की पार्टी एनसीपी-एसपी के नेता माजिद मेनन का कहना है कि निश्चित तौर पर यह मोदी सरकार के लिए एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा, 'निसंदेह तहव्वुर राणा का भारत आना सरकार के लिए एक बड़ी सफलता है। अमेरिका ने इस मामले में बहुत लंबा समय लिया है। उसका प्रत्यर्पण और पहले हो जाना चाहिए था। हमें इस बात की खुशी होनी चाहिए कि हम इस मामले में कुछ न्याय कर सकेंगे। यह मामला पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।'

माजिद मेनन ने कहा कि हमें बस यह ध्यान देना होगा कि इस केस में इंटनेशनल स्टैंडर्ड्स का पालन किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि नियमानुसार प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी तो जांच टीम बहुत अच्छा काम करेगी। इस मामले का ट्रायल सही तरीके से होना चाहिए। तहव्वुर राणा के खिलाफ दिल्ली में केस चलना है। उसके खिलाफ एनआईए की विशेष अदालत में मामला चलेगा और फिर हाई कोर्ट आदि में भी सुनवाई होनी है। इस मामले में होम मिनिस्ट्री की ओर से विशेष लोक अभियोजन नरेंद्र मान को वकील नियुक्त किया गया है। वह अगले तीन वर्षों तक इस मामले में पैरवी करेंगे। नरेंद्र मान भले ही लीगल वर्ल्ड में बड़ा नाम नहीं हैं, लेकिन उन्हें काम लंबा अनुभव है।

वह कई अहम मामलों में वकील रह चुके हैं। उन्होंने 2018 में एसएससी पेपर लीक केस में भी बहस की थी। उनके ट्रैक रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने उन्हें लोक अभियोजक नियुक्त किया है। बता दें कि इसी तरह मुंबई हमले के गुनहगार अजमल कसाब का मामला भी जब अदालत पहुंचा था तो उज्ज्वल निकम को वकील बनाया गया था। उन्होंने कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए दलीलें दी थीं। उज्ज्वल निकम को उस केस से बहुत लोकप्रियता मिली थी और 2014 के आम चुनाव में तो इलेक्शन भी लड़े थे। हालांकि उन्हें जीत नहीं मिल सकी। अब तक मिली जानकारी के अनुसार तिहाड़ जेल में ही तहव्वुर राणा को रखा जाएगा।

About rishi pandit

Check Also

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून की सुनवाई टली, अगली तारीख 15 मई

 नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *