Wednesday , June 18 2025
Breaking News

कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली एक नौटंकी, चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराना कांग्रेस की फितरत : बाबूलाल मरांडी

रांची

झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित संविधान बचाओ रैली पर बड़ा निशाना साधा। मरांडी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस ने संविधान की मर्यादाओं को, लोकतंत्र को जितना प्रहार किए वो देश के इतिहास में काले पन्ने के रूप में दर्ज है। मरांडी ने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता के लिए संविधान की मूल भावना को भी बदल दिया और लोकतंत्र को मार डालने की हर संभव कोशिश की। कांग्रेस का संविधान बचाओ रैली एक नौटंकी है।

मरांडी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने 60 वर्षों के शासन में 79 बार संविधान में संशोधन किए जो केवल तुष्टीकरण और सत्ता के लिए हुआ। कांग्रेस ने संविधान को तुष्टीकरण का घोषणापत्र बना दिया। मरांडी ने कहा कि प्रथम संविधान संशोधन अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पहला प्रहार पंडित नेहरू ने किया ताकि सरकार की आलोचना करने वाले पर कार्रवाई की जा सके। इसने अनुच्छेद 19 (1) में कटौती की और प्रेस की आजादी को सीमित किया। संविधान लागू करने के कुछ ही समय बाद नेहरू द्वारा इसमें संशोधन दिखता है कि नेहरू संविधान की कितनी इज्जत किया करते थे। मरांडी ने कहा कि चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराना यह कांग्रेस की फितरत रही है। गैर-कांग्रेसी सरकार को बार-बार गिराने के लिए राष्ट्रपति शासन (आर्टिकल 356) का दुरुपयोग किया गया। लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने का यह गंभीर उदाहरण था। कहा कि 1966-1977 के बीच संविधान में 25 बार संशोधन किया गया। उन्होंने कहा कि गोलकनाथ केस में सुप्रीम कोर्ट ने मूल अधिकारों को संशोधित न करने की बात की थी।

मरांडी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दो-तिहाई बहुमत पाकर इस निर्णय को पलटते हुए 24वां संशोधन पारित कर दिया। मरांडी ने कहा कि न्यायपालिका में हस्तक्षेप करते हुए इंदिरा गांधी ने 25 अप्रैल 1973 को तीन वरिष्ठतम न्यायाधीशों को दरकिनार कर ए एन रे को सीजेआई नियुक्त किया। यह निर्णय केशवानंद भारती केस में बहुमत के विरुद्ध मत देने वाले जज को प्रमोट करके न्यायपालिका पर दबाव बनाने का प्रयास था।केशवानंद भारती केस और ‘‘मूल ढांचे'' की रक्षा (1973) कांग्रेस द्वारा संविधान के मूल ढांचे को बदलने की कोशिशों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बेसिक स्ट्रक्चर डॉक्टरिन घोषित किया। यह संविधान की आत्मा की रक्षा के लिए ऐतिहासिक निर्णय था। सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस के आए दिन संविधान में कर रहे संशोधन से तंग आकर यह फैसला लिया था। मरांडी ने कहा कि 42वां संविधान संशोधन इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल के दौरान पारित यह संशोधन इतना व्यापक था कि इसे ‘‘मिनी संविधान'' कहा गया। यह न्यायपालिका, संसद और मूल अधिकारों को कमजोर करने की साजिश थी। संविधान पर इस व्यापक प्रहार को जनता पार्टी ने आकर रोका।

 

About rishi pandit

Check Also

सीएम हेमंत ने शहीद हुए कांस्टेबल सुनील धान के परिजनों को 2.66 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की प्रदान

रांची  झारखंड सरकार ने माओवादी विरोधी अभियान के दौरान परिष्कृत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) विस्फोट में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *