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अस्पतालों में सुविधायें और संसाधन लगातार बढ़ाये जायेंगे
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कोविड-19 प्रबंधन रणनीति पर मुख्यमंत्री का संबोधन
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आप सब के सम्मिलित प्रयास से मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दर को घटाने में सफल हुए हैं। प्रदेश की अधिकतम स्तर पर रही 24 प्रतिशत संक्रमण की दर अब 11.8 प्रतिशत पर आ गई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन अभी भी जरूरी है। पूरी कड़ाई के साथ मानदंडों का पालन और अनुकूल व्यवहार परिवर्तन के आचरण से संक्रमण को नियंत्रित कर समाप्त करने का काम हम सबको मिलकर करना होगा। मुख्यमंत्री शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 प्रबंधन रणनीति पर आम जनता और प्रशासनिक अधिकारियों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों एवं कोरोना वरियर्स को संबोधित कर रहे थे।
सतना कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी कक्ष में कलेक्टर अजय कटेसरिया, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा, सीईओ जिला पंचायत हरेंद्र नारायण, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया, सिविल सर्जन डॉ रेखा त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण को समाप्त करने कोविड प्रबंधन रणनीति के मुख्यतया पांच हिस्से हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण संक्रमण की चेन तोड़ना है। दूसरा संक्रमितों की पहचान करना, टेस्ट करना, इलाज करना और पांचवी रणनीति टीकाकरण है। ग्राम स्तर और वार्ड स्तर के संकट प्रबंधन समितियों की जिम्मेदारी है कि वे संक्रमण की चेन तोड़ने वार्ड और गांवों में कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराएं। किल कोरोना अभियान के तहत घर-घर सर्वे करने वाली टीमों की मदद कर संक्रमितों की पहचान कराएं और उन्हें मेडिकल किट दिलाकर क्वारेंटाइन और होम आइसोलेशन की व्यवस्था कराएं। यदि गांव में किसी जगह संक्रमण है तो उस क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट करें। राशन दुकानों से मुफ्त राशन सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से दिलवाएं। क्राइस मैनेजमेंट कमेटी से ही गांव की स्वास्थ्य समिति बनाए। जिसमें आम जनता से 3 प्रतिनिधि और 2 प्रतिनिधि सरकारी कर्मचारी होंगे। उन्होंने ब्लॉक स्तरीय और जिला स्तरीय क्राइसेस कमेटी के कर्तव्यों के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि सब के सहयोग से मध्यप्रदेश को कोरोना संक्रमण मुक्त बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में सुविधाएं और संसाधन लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। 800-800 डॉक्टर, नर्स और टेक्नीशियन एक माह में भर्ती किए जाएंगे। प्रदेश में 5 हजार ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जा रहे हैं। जिनमें एक हजार बेड आईसीयू और एचडीयू होंगे। बच्चों के लिए भी 500 बेड आरक्षित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर से लेकर ब्लाक स्तर व ग्रामीण स्तर की क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी का दायित्व है कि कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन करायें। किल कोरोना अभियान के तहत गांव-गांव में घर-घर जाकर संक्रमितों का सर्वे करें तथा सर्दी, खांसी या बुखार होने पर उनके इलाज की व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि यदि किसी भी तरह की तबियत बिगड़ी लगे तो छिपायें नहीं क्योंकि इससे खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बारे में अफवाहें न फैले तथा लोगों को टीकाकरण कराने के लिए जागरूक किया जाय।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि निःशुल्क इलाज की व्यवस्था अस्पतालों में की गयी है। कोविड केयर सेंटर को पोस्ट कोविड केयर सेंटर के तौर पर विकसित किया जा रहा है। लोगों को निःशुल्क राशन मिले इसकी व्यवस्था भी क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी देखें। उपार्जन व राशन वितरण में भीड़ कदापि न लगे। गांव में यदि पेयजल की समस्या हो तो उसकी सूचना तत्काल दी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कालाबाजारी करने वालों को छोड़ा नहीं जायेगा। निजी अस्पताल निर्धारित दर से अधिक राशि न लें इस पर भी नजर रखी जाय। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आक्सीजन बेड, आइसीयू बेड व बच्चों के लिए आइसीयू बेड बढ़ाने का कार्य प्राथमिकता से किया जा रहा है। अस्पतालों के वार्ड का प्रबंधन ठीक करने की बात मुख्यमंत्री जी ने अपने संदेश में कही। उन्होंने बताया कि शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसानों से ऋण अदायगी की तिथि बढ़ाकर 30 जून कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय क्राइसेस मैनेजमेंट केस कमेटी के संख्या के आधार पर कोरोना कर्फ्यू बढ़ाने पर विचार करेंगी। श्री चौहान ने कहा कि अभी कुछ वर्षों तक कोरोना वायरस रहेगा। अतः हमें इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी। इसके लिए हमें संयमित खान-पान व्यवहार व योग प्राणायाम आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा।
कलेक्टर्स को 104 करोड़ आवंटित करने का अनुसमर्थन
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक में कोविड-19 संक्रमण की तीव्रता को देखते हुए मैदानी स्तर पर महामारी की रोकथाम की उचित व्यवस्था एवं प्रबंधन के लिये प्रत्येक जिला कलेक्टर को दो करोड़ रुपये अनाबद्ध राशि के मान से 104 करोड़ रुपये का आवंटन देने का अनुसमर्थन किया गया। इसमें भोजन एवं कपड़े सहित पुनर्वास शिविरों की व्यवस्थाएँ, मेडिकल शिविरों (क्वारेंटाइन शिविरों) के संचालन, शिविरों का पर्यवेक्षण, आवश्यक कार्यों में तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा, साफ-सफाई व्यय आदि के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोविड-19 की रोकथाम के लिये किये जाने वाले विभिन्न कार्यों एवं आवश्यक उपकरण क्रय करना आदि शामिल है।