Rashtriya Swayamsevak Sangh:digi desk/BHN/ भोपाल/ कोरोना महामारी ने मानवीय संवेदनाओं को भी तार-तार कर रखा है। सांसों के साथ छोड़ने के साथ ही अपने भी दूरी बना रहे हैं। शव को अंत्येष्टि का इंतजार है, तो अस्थियों को अपनों के हाथ नदियों में प्रवाहित होने का, लेकिन संक्रमण के भय ने अपनों को भी दूर कर दिया है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्यों से मानवता की नई इबारत लिख रहे हैं। जिन शवों को अपने छोड़ गए, उनकी अंत्येष्टि से लेकर अस्थि विसर्जन तक की व्यवस्था कर रहे हैं।
पूरे प्रदेश में संघ का सेवा कार्य जारी
कोरोना में मदद के साथ पूरे प्रदेश में संघ का सेवा कार्य जारी है। भोपाल के सुभाष नगर और संत नगर विश्राम घाट तक कोरोना से मृतकों के शव सीधे अस्पताल से लाए जा रहे हैं, लेकिन उनको मुखाग्नि देने वाला कोई नहीं है। जो परिजन आ भी रहे हैं, वे डरे हुए हैं। ऐसे में स्वयंसेवकों के समूह ने मदद का बीड़ा उठा लिया है। सुभाष नगर मुक्तिधाम में 12 स्वयंसेवकों का दल सुबह ही पहुंच जाता है। वे अस्थि संचयन करते हैं, फिर चितास्थल की सफाई। ट्रक से लकड़ी उतारकर उसे व्यवस्थित करते हैं। किसी शव को मुखाग्नि देने वाला नहीं है, तो उसकी अंत्येष्टि की विधियां पूरी करते हैं।
सेवा कार्य के लिए रोज आठ-दस स्वयंसेवकों का दल
संत नगर स्थित विश्राम घाट पर भी ऐसे सेवा कार्य करने के लिए रोज सुबह नौ बजे से आठ-दस स्वयंसेवकों का दल पहुंच जाता है। दिनभर में करीब 30 स्वयंसेवक यहां क्रम से सेवा करने पहुंचते हैं। यहां अंतिम संस्कार में विधि-विधान संबंधी राशि की मांग अधिक हुई, तो स्वयंसेवकों ने आगे आकर मोर्चा संभाल लिया। जो लोग अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री नहीं ला पाते, स्वयंसेवक उसका भी इंतजाम करते हैं।
दाह संस्कार कर रहे हैं स्वयंसेवक
ग्वालियर में स्वयंसेवक दाह संस्कार कर रहे हैं। कोरोना पीड़ित शवों के दाह संस्कार के दौरान स्वयंसेवक पीपीई सूट में होते हैं। साथ ही वे लकड़ी के अलावा गोबर के कंडों का उपयोग कर रहे हैं। वे प्रत्येक शनिवार गंगा में अस्थि विसर्जन करने जाते हैं। अब तक आठ मृतकों की अस्थियां विसर्जित की जा चुकी हैं, वहीं जिन स्वजन के पास अस्थियों को रखने की व्यवस्था नहीं है, उनकी मदद के लिए हर विश्राम घाट में लोहे की आलमारियां रखी गई हैं।
अब तक 130 शवों का दाह संस्कार
विदिशा के रंगई करैया पंचायत में 24 अप्रैल से शुरू हुई पहल में अब तक 130 शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है। यहां रो रहे एक युवक को अपनी मां की अंत्येष्टि की व्यवस्था करते देख स्वयंसेवकों ने मदद की पहल की थी, जो अभी तक जारी है।
अन्य सेवा कार्य भी संचालित
संघ के मध्यभारत प्रांत सेवा प्रमुख मुकेश तिवारी ने बताया कि मध्यभारत के प्रशासनिक 16 जिलों को संघ की दृष्टि से 31 जिलों में बांटकर अन्य सेवा कार्य भी संचालित हैं। इनमें 24 स्थानों पर 1200 बिस्तर वाले आइसोलेशन केंद्र और 270 बेड वाले पांच कोविड केयर सेंटर संचालित हैं। इनमें से 50 पलंग ऑक्सीजन व्यवस्था से युक्त हैं। लगभग 100 स्थानों पर भोजन के पैकेट जरुरतमंदों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। स्वयंसेवक टीकाकरण के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।