सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के दूसरे दौर में जिले में कोविड मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सिविल हॉस्पिटल स्तर पर भी ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था सहित उपचार सेवाओं के विकेंद्रीकरण से कोविड के मरीजों को काफी राहत मिली है।
जिला प्रशासन द्वारा कोविड उपचार की विकेंद्रीकृत व्यवस्था से जहां मरीजों को उनके विकासखंड मुख्यालय स्तर पर उपचार की सुविधा मिली, वहीं जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या के दबाव से राहत मिली है। जिला प्रशासन द्वारा विकेंद्रीकृत उपचार व्यवस्था का विस्तार कर अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और बड़ी ग्राम पंचायत स्तर पर ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता बनाकर उपचार सेवाएं पहुंचाने का प्रयास भी शुरू किया जा रहा है।
कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन सपोर्टेड उपचार बेडों में जिला अस्पताल सतना में 223 बेड, जीएनएम हॉस्टल धवारी में 80 बेड, सिविल हॉस्पिटल मैहर में 70 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नागौद में 41 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवराजनगर में 20 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोठी में 20 बेड, सिविल हॉस्पिटल रामनगर में 10 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उचेहरा, रामपुर बघेलान, और मझगवां में 10-10 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड संचालित किए जा रहे हैं। वर्तमान में इन सभी बेडों में 60 प्रतिशत बेड मरीजों से भरे हैं और 40 प्रतिशत ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड खाली हैं।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड मरीजों के उपचार की विकेंद्रीकृत व्यवस्था विकासखंड स्तर पर उपलब्ध कराने के पश्चात अब आगामी कार्य योजना के तहत इसका विस्तार कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और बड़ी ग्राम पंचायत स्तर के उप स्वास्थ्य केंद्रों को चिन्हित किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिरसिंहपुर और अमदरा स्वास्थ्य केंद्र में 5-5 ऑक्सीजन बैड तैयार कर लिए गए हैं। जबकि स्वास्थ्य केंद्र कोटर, मुकुंदपुर में भी प्रयास किए जा रहे हैं। कोविड मरीजों को स्थानीय स्तर पर घर के पास ही भर्ती सुविधा के साथ उपचार की व्यवस्था बनाने से मरीजों को भी सहूलियत हुई है। जिले में इसके अलावा किल कोरोना अभियान के तहत ग्राम स्तरीय समितियां गठित कर स्वास्थ्य और महिला बाल विकास की कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर सर्वे कराकर सर्दी, खांसी, बुखार के रोगियों का परीक्षण कर फीवर किट वितरित की जा रही है। कोरोना संक्रमण के संदिग्ध मरीज को आरएटी किट से परीक्षण कर पॉजीटिव होने पर आइसोलेशन मेडिकल किट के माध्यम से उपचार सेवाएं दी जा रही है।