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सक्रिय मरीज कम होने से यह होगा फायदा
- प्रदेश सरकार ने 30 अप्रैल तक 180000 सक्रिय मरीज होने का अनुमान लगाया था। मरीज इससे आधे ही हैं। यह राहत भरी खबर है। अनुमान के मुताबिक मरीजों की संख्या होती तो ऑक्सीजन की किल्लत बहुत ज्यादा बढ़ जाती।
- सक्रिय मरीज स्थिर होने या कम होने पर सरकार को संसाधन बढ़ाने का मौका मिल जाएगा।
- होम आइसोलेशन वाले मरीजों की कोरोना कंट्रोल रूम से भी अच्छी देखभाल हो सकेगी।
जांच के लिए निजी लैब में भेजे जा रहे हैं करीब 10 हजार सैंपल
स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कुल सैंपल में 70 फीसद सैंपल आरटी पीसीआर से जांचें जाएंगे। प्रदेश की सरकारी लैब की क्षमता इतनी नहीं है। लिहाजा, दो निजी लैब से राज्य सरकार में अनुबंध किया है। दोनों में मिलाकर आरटी पीसीआर तकनीक से 20 हजार सैंपल रोज जांचने की क्षमता है। हर दिन करीब 10000 सैंपल इन लैब में जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा करीब 18 हजार सैंपल हर दिन रैपिड एंटीजन किट से जांचे जा रहे हैं। हर दिन 6000 से 7000 सैंपल की जांच लंबित रहती है।