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हैप्पी हाइपोक्सिया : राेग के नाम में है खुशी पर चुपके से थाम रहा जीवन की सांसें

Happy hypoxia happines in rog:digi desk/BHN/ग्वालियर/ हैप्पी हाइपोक्सिया, सिर्फ इसके नाम के आगे खुशी जुड़ा है, जबकि यह कोरोना की जानलेवा स्थिति है। कोविड-19 के ऐसे मरीज जिनमें संक्रमण के मामूली लक्षण होते हैं या नहीं भी होते, उनमें ऑक्सीजन का स्तर लगातार नीचे चला जाता है। यही नहीं ऑक्सीजन का स्तर 70 से 80 फीसद से नीचे जाने पर भी कोविड की इस स्थिति का पता नहीं चलता, लेकिन शरीर में कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और अचानक कार्डियक अरेस्ट या ब्रेन हेमरेज के कारण जीवन की डोर थम जाती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में हैप्पी हाइपोक्सिया के कारण 15 फीसद मौतें हुई हैं। समय-समय पर अपने शरीर का आक्सीजन लेवल चेक करके इस स्थिति से बचा जा सकता है।

ग्वालियर में अब तक 35 हजार 458 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। संक्रमण के चलते अप्रैल के 26 दिन में मौत का आंकड़ा 350 से ऊपर पहुंच चुका है। इसमें 15 फीसद मरीज हैप्पी हाइपोक्सिया ऑफ कोविड के शिकार बने हैं। गजराराजा मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रो. संजय धवले बताते हैं कि एक सामान्य व्यक्ति का आक्सीजन स्तर 95 से 100 फीसद के बीच होता है। हैप्पी हाइपोक्सिया ऑफ कोविड में मरीज के शरीर में संक्रमण होने से उसका आक्सीजन लेवल गिरता है पर उसका अहसास उसको नहीं होता। मरीज के शरीर में 70 से 80 पर आक्सीजन लेवल पहुंचने पर भी मरीज को सांस लेने में परेशानी नहीं होती। शरीर का ऑक्सीन लेवल घट रहा होता है और कार्बनडाइ ऑक्साइड का लेवल बढ़ रहा होता है। ऐसी स्थिति काफी घातक होती है। फेफड़ों में सूजन आने पर आक्सीजन रक्त में नहीं मिल पाता। इससे दिमाग में आक्सीजन की कमी से सेल मरने लगते हैं अन्य अंग खराब होने लगते हैं। मरीज चिढ़ चिढ़ा, अपनी धुन में रहने लगता और किसी की बात नहीं सुनता। जब अचानक से आक्सीजन लेवल काफी कम होता तब सांस लेने में परेशानी होती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे मरीज की रिकवरी देरी से होती या फिर नहीं भी हो पाती।

अस्पताल में भी सामान्य दिखते हैं मरीज

चिकित्सक बताते हैं कि हैप्पी हाइपोक्सिया ऑफ कोविड से पीड़ित मरीज देखने में सामान्य नजर आते हैं। शरीर में सामान्य से अधिक कार्बनडाइ ऑक्साइड बढ़ने से मरीज बेहोशी की हालत में पहुंच जाता है। कई बार तो घर वालों को भी पता नहीं चलता और मरीज की मौत हो जाती है। अस्पताल में इस स्थिति में पहुंचे मरीज आक्सीजन मास्क नहीं लगाते, बिल्कुल ठीक नजर आते हैं, पर अचानक से उनकी मौत भी हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि हर व्यक्ति कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करें। हर दिन अपने शरीर का आक्सीजन लेवल ऑक्सीमीटर से पता करें। यदि 94 से आक्सीजन कम आता है तो अस्पताल में भर्ती हो। शरीर या व्यवहार में परिवर्तन महसूस हो तो डाक्टर से परामर्श लें।

 

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