Chaitra purnima:digi desk/BHN/ चैत्र पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की प्रथम पूर्णिमा होती है। इस वजह से हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व होता है। इसी दिन पवन पुत्र हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था। हनुमान जयंति इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ा देती है। इस साल चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल यानि मंगलवार के दिन है। यह तिथि 26 अप्रैल की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से शुरू हो कर 27 अप्रैल सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। इस दौरान इन तरीकों से आप हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं।
क्या है पूजा करने का तरीका
सुबह उठकर नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें। इन दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। लेकिन, इस बार कोरोना वायरस की वजह से घर में रहना ही बेहतर है। नदी में जाने की बजाय आप नहाने के जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद विधि- विधान से हनुमान जी और भगवान विष्णु की पूजा करें। हनुमान चालीसा का पाठ कर हनुमान जी को भोग लगाएं और फिर सभी देवी- देवताओं की आरती करें।
क्या है चैत्र पूर्णिमा का महत्व
इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इस वजह से चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। संकटों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, धन और वैभव की प्राप्ति होती है।