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विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ विश्व मलेरिया दिवस पूरे विश्व में 25 अप्रैल को मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी की और लोगों का ध्यान आकर्षण करने के लिए मनाया जाता है। इसका मुख्य देश मलेरिया से लोगों को जागरूक और उनकी जान की रक्षा करना है। भारत ने वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, जबकि वर्ष 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए एक निर्धारित कार्य योजना के तहत कार्य किया जाना अति आवश्यक है।

सर्वप्रथम जल्दी जांच एवं बिना विलंब उपचार होना चाहिए, जैसे ही मरीज में बुखार, कमजोरी, सर दर्द, बदन दर्द, उल्टी आदि लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर या आशा कार्यकर्ता के द्वारा खून की जांच कराना चाहिए एवं मलेरिया की पुष्टि होने पर तुरंत पूर्ण उपचार लेना चाहिए। खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। मलेरिया बीमारी का पूर्ण उपचार सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं पर निःशुल्क उपलब्ध है, अधूरा उपचार प्राणघातक हो सकता है।

जिला मलेरिया अधिकारी ने जानकारी दी कि जिले में विगत कई वर्षों से लगातार मलेरिया के मरीजों की संख्या में कमी आई है। इसका मुख्य कारण मरीजों के द्वारा उचित समय पर उपचार प्राप्त करने एवं उसके शरीर में एवं समाज में भी परजीवी का लोडकम होता है। साथ ही फैल्सीपेरम मलेरिया की जल्दी पहचान होने पर मरीज के निवास, गांव स्थान में कीटनाशक का छिड़काव करने एवं लोगों को जागरुक कर मच्छरदानी लगा कर सोने, क्वाईल जलाने, पूरे कपड़े पहनने आदि उपाय कर मच्छरों से स्वयं को बचाकर परजीवी के जीवन चक्र को तोड़ा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि मलेरिया रोग प्लाजोमीडियम परजीवी से उत्पन्न होता है जो रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करता है। यह अपना जीवन चक्र मच्छर और मनुष्य में पूरा करता है मलेरिया के आम लक्षण बुखार, ठंड लगना, उल्टी होना, मितली आना, बदन दर्द, सिरदर्द आदि है। मलेरिया वाईवैक से पीड़ित होने पर 14 दिन तक उपचार लेना पड़ता है। 3 दिन क्लोरीक्वीन फास्टेड एवं 14 दिनों तक प्राइमक्लीन का डोज दिया जाता है। फैल्सीपेरम मलेरिया होने पर 3 दिन तक एसीटी का डोज दिया जाता है। उन्होंने बताया कि अप्रैल उपरांत जल्द ही बारिश का मौसम आने वाला होता है। अप्रैल से लोग सजग हो जाएं लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच कराएं उन सभी सुरक्षात्मक उपायों को अपनाएं तो बीमारी से बचा जा सकता है एवं बरसात के मौसम में मलेरिया के फैलने की संभावना कम हो जाती है।

लॉकडाउन में दिव्यांग कर्मचारियों को उपस्थिति में छूट दें

आयुक्त निःशक्तजन कल्याण संदीप रजक ने सभी संभाग आयुक्त और कलेक्टरों को जारी पत्र में कोरोना संक्रमण के कारण विभिन्न जिलों में लागू लॉकडाउन के दौरान दिव्यांग अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालयीन उपस्थिति में छूट देने के लिए कहा है। श्री रजक ने कहा कि दिव्यांग जनों के संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है। इसलिए उन्हें विशेष कार्य होने पर ही कार्यालय बुलाया जाए और घर से ही कार्य करने की अनुमति दी जाए। श्री रजक ने कहा कि कोरोना संक्रमण को केंद्र शासन द्वारा राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया है। कोरोना संक्रमण के मामले इन दिनों बहुत तेजी से देश प्रदेश में बढ़े हैं, हालांकि इनमें ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी काफी बढ़ी है। दिव्यांग जनों की सुरक्षा और संरक्षण के मद्देनजर केंद्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

 

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